पौराणिक काल इन 7 लोगों को पता था कि “महाभारत का परिणाम” क्या होगा? धर्म-अधर्म के बीच धर्म की पुनर्स्थापना के लिए महाभारत का महासंग्राम लड़ा गया था. कौरवों और पांडवों के बीच महाभारत का ऐसा भयानक युद्ध लड़ा गया कि पृथ्वी पर एक समय के लिए सभी श्रेष्ठ योद्धाओं की समाप्ति हो गई.
इसमें लाखों लोग मारे गए. लेकिन पूरे महाभारत संग्राम के घटित होने से पहले ही इनमें कुछ ऐसे योद्धा भी थे जो शुरू से ही जानते थे कि इसका अंततः परिणाम क्या होगा?
कौन कौन थे वे योद्धा ?- महाभारत के युद्ध में अपनी सर्वोपरि भूमिका रखने वाले श्री कृष्ण सबसे पहले जानते थे कि इस महाभारत का परिणाम क्या होगा!
आखिरकार श्रीकृष्ण ने स्वयं ही धर्म स्थापना के लिए युद्ध होने दिया. क्योंकि श्री कृष्ण ने अवतार ही धर्म स्थापना के लिए लिया था. श्री कृष्ण के अलावा भीष्म पितामह स्वयं जानते थे कि युद्ध का क्या परिणाम होना है?
पितामह को अच्छे से ज्ञात था कि युद्ध में कभी भी कौरव नहीं जीत सकते हैं लेकिन फिर भी उन्होंने अपने वचनबद्ध होने के कारण युद्ध किया.
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भीष्म पितामह के अलावा ऋषि वेदव्यास भी जानते थे क्योंकि उन्होंने अपने तपोबल से भविष्य ज्ञात कर लिया था. ऋषि वेदव्यास ने संजय को भी दिव्य दृष्टि दी थी और संजय को युद्ध का परिणाम भी बता दिया था.
इसलिए संजय भी जानता था कि युद्ध का क्या परिणाम होगा? संजय के अलावा गुरु द्रोणाचार्य और कृपाचार्य भी युद्ध के परिणाम अच्छे से जानते थे.
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इन सभी श्रेष्ठ पात्रों के अलावा पांडू पुत्र सहदेव अभी युद्ध के परिणाम बखूबी जानते थे क्योंकि उन्हें पूर्वाभास की शक्ति प्राप्त थी, वह त्रिकालदर्शी थे लेकिन वह अपनी दुर्दशा किसी को बता नहीं सकते थे.