देश की पहली महिला बैडमिंटन स्टार, बंदिशों के जमाने में जीत लिए बैडमिंटन में 23 खिताब

आज जब मशहूर महिला बैडमिंटन खिलाड़ियों की बात की जाती है तो सबसे पहले हमारे जहन में साइना नेहवाल और पीवी सिंधु के नाम आते हैं. लेकिन दोस्तों साइना नेहवाल और पीवी सिंधु से पहले भी हमारे देश में ऐसे महान बैडमिंटन के खिलाड़ी हुई है जिसकी टक्कर का खिलाड़ी आज तक शायद कोई नहीं हुआ हो. इस महिला खिलाड़ी ने उस जमाने में बैडमिंटन खेलना शुरू किया जब लड़कियों को दहलीज लाघंने की परमिशन भी नहीं होती थी.

जी हां इस मशहूर भारतीय महिला बैडमिंटन स्टार का नाम है एमी घिआ . 8 दिसंबर 1956 को गुजरात में जन्मी एमी मुंबई में ही बड़ी हुई. देखने में बिल्कुल दुबली पतली छोटी सी एमी को देखकर कोई नहीं कह सकता था कि यह एक दिन इतिहास रचेगी.

सबसे खास बात यह है कि एमी के परिवार में से किसी का भी बैडमिंटन से कोई नाता नहीं था और उनका भी लक्ष्य नहीं था कि वह बड़े होकर बैडमिंटन के खिलाड़ी बनेंगी. इन्होंने बैडमिंटन को केवल शौकिया रूप में खेलना शुरू किया और देखते ही देखते वह चैंपियन बन गई.

पहले इन्होंने मुंबई की तरफ से बैडमिंटन खेलना शुरू किया और बाद में महाराष्ट्र के लिए भी खेलना शुरू कर दिया. एमी ने भारत को इंग्लैंड के खिलाफ बैडमिंटन में ऐतिहासिक विजय दिलवाई और अपने बैडमिंटन करियर में 23 से ज्यादा खिताब जीते.

क्या थी एमी की खेलने की खासियत

एमी की सबसे खास बात यह थी कि वह पहले ही भांप लेती थी कि शटल लाइन के बाहर गिरेगी या अंदर. वह अपने साथी को पहले ही बता देती की उसे अगला कदम कैसे उठाना है! उनका अंदाज इतना सटीक था इसी वजह से उन्हें लोग लाइन जजमेंट की क्वीन कहने लगे.

एमी के ड्रॉप शॉट्स और हाफ स्मैश भी काफी फेमस थे और शायद इन की टक्कर लेने वाला उस समय कोई खिलाड़ी मौजूद ही नहीं था. जब खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण ने इंग्लैंड के खिलाफ भारत को जीत दिलवाई थी तो उन्हें देश के बैडमिंटन सुपर स्टार के तौर पर जाने जाना लगा लेकिन एमी को शायद उस दौर में इतनी पब्लिसिटी नहीं मिली.