रवि कुमार दहिया पुरुषों की 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती केटेगरी से खेले थे। जहां उन्होंने सेमी फाइनल में 1/8 से जीत हासिल की। पहले उन्होंने कोलम्बियाई खिलाड़ी को 13-2 से हराया और उसके बाद बुल्गारियन खिलाड़ी को 14-4 से। इन्होंने सेमीफाइनल में बड़ी जबरदस्त वापसी करते हुए बहुत अच्छा खेल खेला।
रवि के सामने दूसरा खिलाड़ी ज्यादा समय टिक नहीं पाया और उन्होंने फाइनल में अपनी जगह बना ली थी। लेकिन फाइनल मैच में हार के साथ ही रवि दहिया के गोल्ड मैडल जीतने का सपना चकनाचूर हो गया। लेकिन सेमीफाइनल मुकाबले के अंतिम दाव में कज़ाख़िस्तान टीम के खिलाडी ने रवि को मुँह से काट लिया। लेकिन रवि ने उसको फिर भी नहीं छोड़ा जब तक कि सामने वाला खिलाडी हारा हुआ घोषित हो।
बहुत लम्बी देर तक कज़ाख़िस्तान के खिलाडी ने रवि को काटा लेकिन रवि को सिर्फ जीत चाहिए थी। मैच खत्म होने तक उसके काटने के बाद भी नहीं छोड़ा। इस तरह रवि कुमार ने सेमीफाइनल मुकाबला जीतकर आपने सिल्वर मैडल आपने नाम किया। सभी देशवासी रवि कुमार दहिया को बधाई दे रहे है कि आपने भारत के लिए सिल्वर मैडल जीता।
लेकिन सिल्वर मैडल जीतने के बाद रवि कुमार दहिया ने कहा कि- मैं सिल्वर मैडल जीतने के लिए टोक्यो ओलंपिक्स (Olympic Games Tokyo 2020) में नहीं आया था। मैं इस मैडल के साथ पूरी तरह संतुष्ट नहीं हुआ हूँ। मैंने खेल में अपना 100% दिया। लेकिन कही न कही मेरे से कोई कमी रह गयी। जिसके लिए मैं गलती मानता हूँ।”
लेकिन देश और देशवासी रवि के खेल प्रदर्शन से बहुत खुश है कि रवि ने भारत के लिए सिल्वर मैडल जीता। सोशल मीडिया कर सभी रवि के लिए अपना प्यार दिखा रहे है और उन्हें प्रेरित भी कर रहे है कि वह भारत के लिए सिल्वर मैडल जीत कर लाये है।
इससे पहले सुशील कुमार ओलंपिक्स में भारत के लिए कुश्ती में सिल्वर मैडल लाए थे। के.डी. जाधव, सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त, साक्षी मालिक, के साथ रवि भी पांचवे टॉप कुश्ती खिलाड़ियों में आ चुके है।
बात करें सुशील कुमार की तो तिहाड़ जेल में बंद पहलवान सुशील कुमार भी बाकी कैदियों के साथ रवि के कुश्ती का मैच लाइव देख रहे थे। तिहाड़ जेल के सूत्रों की माने तो रवि कुमार दहिया का फाइनल मुकाबला जेल में लाइव देखा जा रहा था। जब रवि कुमार दहिया फाइनल मुकाबला हार गए तो सुशील कुमार भावुक हो गए। सुशील कुमार का चेहरा रुआंसा हो गया और उनकी आँखों से पानी आ गया।
आपको जानकारी के लिए बता दें तिहाड़ जेल में बंद कैदियों को ओपन एरिया में TV देखने की सुविधा जेल प्रबंधक की ओर से मुहैया कराई गई है। जेल के इसी ओपन एरिया में रवि का फाइनल मैच सुशील कुमार सभी कैदियों के साथ देह रहे थे।
रवि कुमार दहिया के सिल्वर मैडल जीतते ही टोक्यो ओलंपिक्स में अब भारत की झोली में कुल 5 मैडल हो गए है। जिनमें 2 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज़ मैडल है। इनसे पहले मीराबाई चानु, लवलीना बोर्गोहैन और पि.वी. सिंधु भारत के नाम मैडल कर चुकी है। ये टोक्यो ओलिंपिक के भारत से पहले पुरुष खिलाडी भी है जिन्होंने भारत के नाम मैडल सुनिश्चित किया है।
रवि को इस बार के टोक्यो ओलंपिक्स के लिए चुनना एक सही फैसला माना गया है। पहले इनकी जगह बजरंग पुनिया या विनेश फोगट को भेजने की बात हो रही थी। रवि ने खुद को साबित कर दिखाया। वह पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरे थे। देश को इन खिलाड़ियों पर गर्व है। इन्होंने देश के लिए मैडल ला कर बहुत ख़ुशी दी है। यह बहुत से लोगों के लिए प्रेरणा का सार बने है ।