क्या है Sunday की छुट्टी मनाने का धार्मिक कारण? क्या सदियों से चली आ रही है रविवार की छुट्टी की प्रथा?

हमने अपनी पूर्व चर्चा में एक बार रविवार की छुट्टी का ऐतिहासिक कारण बताया है. एक बार फिर दोहराते हुए, रविवार की छुट्टी की प्रथा ब्रिटेन से आई थी, 1843 में एडवर्ड ला ने इस आदेश को पारित किया था कि अधिकारी वर्ग रविवार की छुट्टी रख सकता है, जिसके बाद 1986 में स्कूली बच्चों के लिए भी से मान्यता दे दी गई थी.

भारत में रविवार की छुट्टी की आधिकारिक घोषणा मजदूर वर्ग के लिए 1890 में हुई थी जिसे बाद में अधिकारी वर्ग एवं स्कूली बच्चों के लिए भी लागू कर दिया गया था.

अब प्रश्न उठता है कि क्या रविवार की छुट्टी रखने का कोई धार्मिक कारण भी है? आज हम इन्हीं धार्मिक कारणों पर प्रकाश डालेंगे.

ईसाई धर्म मान्यताओं के अनुसार :– अगर बात की जाए विश्व में सर्वाधिक अनुसरण किए जाने वाले ईसाई धर्म की तो ईसाई धर्म में मान्यता है कि भगवान ने 6 दिन तक मनुष्य का निर्माण किया था एवं सातवें दिन यानी कि रविवार के दिन उन्होंने आराम किया था.

इसीलिए भगवान ने स्वयं यह आह्वान किया था कि रविवार के दिन सभी लोगों को अपने कामकाज से निपट कर आराम करना चाहिए. इसीलिए ईसाई धर्म के लोग रविवार के दिन को भगवान की साधना के लिए प्रयोग में लाते हैं, रविवार के दिन सभी ईसाई चर्च जाते हैं और भगवान से प्रार्थना करते हैं.

हिंदू मान्यताओं के अनुसार :– अगर बात की जाए भारत में हिंदू धर्म की तो हिंदू धर्म में रविवार सप्ताह का पहला दिन माना जाता है. रविवार भगवान सूर्यनारायण को समर्पित किया जाता है.

इसीलिए इस दिन भगवान सूर्यनारायण को जल चढ़ाने एवं उनकी पूजा करने का विधान है. शास्त्रों में कहा जाता है कि यदि कम से कम रविवार के दिन भगवान की शांत मन से पूजा अर्चना की जाए तो सप्ताह के अन्य दिन सुख से बीतते हैं.

इसीलिए इस दिन भगवान की पूजा करने एवं शांत मन से घर विश्राम करने का आह्वान किया गया है. कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं कि रविवार के दिन विश्राम करने या छुट्टी मनाने की प्रथा नई नहीं है. बल्कि सदियों से इस प्रथा का कहीं ना कहीं अनुसरण किया जाता रहा है.

लगभग सभी धर्म अनुयायी इस दिन को भगवान की पूजा अर्चना में समर्पित करने का आह्वान देते हैं, वास्तव में यह मन की शांति के लिए भी आवश्यक है क्योंकि लगातार काम करने से मनुष्य का मन अशांत हो सकता है, इसलिए कम से कम एक दिन का विश्राम हो तो अवश्य कर लेना चाहिए.