ऐसे 3 काम जिन्हें करने में कभी शर्म नहीं करनी चाहिए , जो एक सफलता का प्रतीक हैं

गुरु शुक्राचार्य दैत्यों और असुरों के गुरु माने जाते हैं, लेकिन उनकी नीतियां इतनी श्रेष्ठ है कि उसका अनुसरण यदि कोई भी मनुष्य करें तो वह अपने जीवन में सफलता हासिल कर सकता है. उनकी नीतियां ही उनकी महानता का कारण है.

शुक्र नीति में उन्होंने ऐसे कई कार्य बताए हैं जिनके बारे में उनका कहना है कि यदि यह चीज़ें यदि हमें कभी भी लेने का मौका मिलता है तो हमें उस में शर्म नहीं करनी चाहिए.

1-विद्या :– शुक्र नीति के अनुसार मनुष्य को जीवन में कभी भी विद्या लेने से मना नहीं करना चाहिए, विद्या का आशय है कोई नई वस्तु का ज्ञान. आपको यह नहीं देखना है कि आप को सीख देने वाला कोई गरीब है, भोला है, दरिद्र है या छोटा बच्चा है. यदि उसकी बात ठीक है तो आप उसे अवश्य ग्रहण करें.

2-उपचार:– यदि आप किसी भी बीमारी या अन्य किसी दुविधा से पीड़ित है तो आपको उसका उपचार या समाधान लेने से कभी मना नहीं करना है. आपको औषधि देने वाला किसी नीच कुल का ही क्यों ना हो आप उसे सहर्ष स्वीकार कीजिए! आपको औषधि लेने में जितनी भी मेहनत करनी पड़े आप अवश्य कीजिए.

3-गुणवती स्त्री:– यदि आप विवाहित नहीं है और आप विवाह करना चाहते हैं, एवं यदि आपको ऐसी स्त्री दिखाई पड़ती है जो अत्यंत गुणवती है जो कुल का सम्मान बनाए रख सकती है आप उससे अवश्य विवाह कर लीजिए भले ही वह किसी कुल कि क्यों ना हो! यदि वह दरिद्र परिवार से तालुकात रखती है तो इसमें भी कोई समस्या नहीं है. कहने का आशय है गुणवती स्त्री पाने का मौका कभी ना गवाईए.

अधिकतर लोग विवाह दहेज की धनराशि और स्त्री की सुंदरता देखकर करते हैं लेकिन विवाह करने के लिए यह पैमाने ठीक नहीं है. क्योंकि उत्तम गुणों वाली स्त्री घर को स्वर्ग बना सकती है जबकि अगुणी स्त्री घर का सर्वनाश कर देती है, क्योंकि वह स्त्री ही है जो घर का विकास कर सकती है.