पति पत्नी ने नौकरी छोड़ शुरू की खेती, कीट पतंगों से बचाने लाए थे मधुमक्खियां, आज हैं लखपति

जहां आज चारों तरफ हर कोई नौकरी के लिए भाग रहा है वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जिन्होंने नौकरी छोड़कर अपनी जिंदगी में एक अच्छा मुकाम हासिल किया है. आज हम एक ऐसे ही जोड़ें के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसने अपनी नौकरी छोड़कर खेती जैसे सामान्य समझे जाने वाले पेशे को अपनाया और अपने जीवन में सफलता हासिल की.

हम बात करने जा रहे हैं गुजरात के पाटन में रहने वाली तन्वी बेन और उनके पति हिमांशु पटेल की. उनके अनुसार 4 साल पहले तक यह जोड़ा नौकरी करता था लेकिन बाद में उन्होंने अपनी जमीन पर खेती करने का फैसला ले लिया. उनके पास अपनी पुश्तैनी 70 बीघा जमीन थी. बरहाल यह जोड़ा केवल 5 बीघा जमीन पर ही अपना कारोबार करता है.

तन्वी ने बताया कि उन्होंने B.ED तक की पढ़ाई कर रखी है और उनके पति ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग तक की. दोनों ही 10 सालों से प्राइवेट जॉब कर रहे थे और अच्छा कमा रहे थे. लेकिन 4 साल पहले उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ने का फैसला लिया. क्योंकि देश में ऑर्गेनिक फार्मिंग का ट्रेंड काफी बढ़ा हुआ दिखाई पड़ रहा था और उन्हें ख्याल आया कि क्यों ना अपनी थोड़ी सी जमीन पर इसका एक्सपेरिमेंट किया जाए!

उन्होंने अपनी जमीन पर डेरी फॉर्म को भी विकसित किया और उनके पास आज 25 देसी गाय हैं. सब कुछ अच्छा चल रहा था लेकिन कुछ ही समय बाद खेती में दिक्कत होने लगी क्योंकि केमिकल कीटनाशक का प्रयोग ना होने के कारण कीड़ों को नियंत्रित करना थोड़ा मुश्किल हो गया.

जिसके बाद उन्होंने मधुमक्खी पालन का निश्चय किया क्योंकि मधुमक्खी पालने से कीटनाशकों का खात्मा हो सकता है. मधुमक्खी पालकों उन्होंने अपनी फसल को कीड़ों से भी बचा लिया इसके साथ ही उन्होंने मधुमक्खियों से मिलने वाले शहद पर भी अच्छा लाभ कमाया.

शुरुआती दिनों से ही उन्हें काफी अच्छा लाभ हुआ और अब उन्हें खेती में डेढ़ गुना से अधिक फायदा हो रहा है. आज तन्वी “स्वाध” नामक अपना एक ब्रांड चला रही है. उन्होंने अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए कई स्थानीय दुकानों को भी कवर करना शुरू किया. आज उनके पास फिलहाल 300 छतें हैं और जिनकी सालाना 9 टन शहद उत्पादन क्षमता है.