मिलिए इन चार भाई-बहनों से जो सभी है IAS–IPS, भाई ने कहा अब अफसर बनकर ही आऊंगा राखी बंधवाने

जब घर का एक बेटा या बेटी ही अफसर मात्र बन जाए तो पूरे परिवार सहित गांव का भी नाम रोशन हो जाता है. मुख्य रूप से यदि गांव में कोई एक सदस्य भी यूपीएससी की परीक्षा पास कर ले तो उसके उदाहरण दिए जाने लगते हैं.

जाहिर है यूपीएससी की परीक्षा काफी कठिन होती है ऐसे में उसे पास करने वाले को पब्लिसिटी तो मिलनी ही है. इसमें मेहनत भी काफी अच्छी करनी पड़ती है और काफी कुछ त्यागना भी पड़ता है. ऐसे में क्या आप यह अनुमान लगा सकते हैं कि घर के जितने भी बच्चे हैं सब के सब अफसर बन जाए? लोगों को लगता है इसकी कल्पना करना आसान है लेकिन वास्तव में यह सच नहीं है!

लेकिन आज हम आपको ऐसे भाई बहनों से रूबरू करवाने वाले हैं जो सब के सब अफसर हैं. भाई बहनों के नाम है योगेश, लोकेश, माधवी और क्षमा. चारों ही भाई बहनों ने अफसर बनकर इतिहास रच दिया और वह कर दिखाया जो शायद देश में पहली बार हुआ है.

जानकारी के लिए बता दें कि यह अफसर भाई बहन उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के लालगंज के रहने वाले हैं. इन भाई बहनों ने मिलकर ऐसा इतिहास रच दिया है कि जब भी अब से परिवार की बात आती है तो अब इनका ही नाम लिया जाता है. इन भाई-बहनों के पिता अनिल मिश्रा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में ब’तौर मैनेजर है. इनके पिता का कहना है कि एक वक्त ऐसा भी था जब इनका परिवार महज दो कमरों के मकान में रहा करता था लेकिन आज इनके परिवार में चार-चार अफसर है.

कैसे बने सभी अफसर ?

बता दें कि सभी भाई बहनों में से योगेश मिश्रा सबसे बड़े हैं. योगेश तैयारी से पहले नोएडा में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर थे जिसके बाद उन्होंने साल 2013 में सिविल सर्विस एग्जाम क्लियर किया. उस समय इनकी छोटी बहनें क्षमा और माधवी दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रही थी.

हालांकि पहले प्रयास में योगेश सफल नहीं हो सके लेकिन दूसरे प्रयास में वह अफसर बन गए. योगेश के बाद उनकी छोटी बहन माधवी ने यूपीएससी परीक्षा 2014 में 62 वी रैंक हासिल करके सफलता हासिल की. माधवी झारखंड कैडर की आईएएस अधिकारी बनी.

दो भाई बहनों के बाद भाई लोकेश ने सीएसई 2014 में रिजर्व लिस्ट में अपना नाम भी पाया लेकिन उन्हें खुद पर भरोसा था इसलिए उन्होंने यूपीएससी ही पास करने का ठान लिया था. तीसरी बार लोकेश ने भी यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली. जिसके बाद बहन क्षमा ने भी यूपीएससी की परीक्षा पास की और उन्हें कर्नाटक में आईपीएस पद पर तैनाती मिली.