कोमा मनुष्य के शरीर की वह स्थिति होती है जब मात्र उसकी सांस चलती है. यदि कोई मनुष्य किसी कारणवश कोमा में चला गया है तो उसके शरीर का प्रत्येक अंग काम करना बंद कर देता है. ऐसे मनुष्य के मस्तिष्क का भी लगभग पूरा हिस्सा अपना काम करना बंद कर देता है और मनुष्य को बोलने बैठने की सूझबूझ नहीं रहती.
ऐसी स्थिति में शरीर में हरकत होने की संभावना काफी कम रहती है और ऐसा मनुष्य एक प्रकार की केवल जिंदा लाश हो जाता है. हमारे द्वारा कही गई बात समझना तो दूर व्यक्ति को सुनाई तक नहीं पड़ती. यदि उसके शरीर में कुछ परिवर्तन होता है तो इसका आशय है कि वह ठीक हो रहा है. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं हो सकता कि कोमा में लेटा हुआ एक व्यक्ति उठकर सब कुछ सटीक बता दे और वापस कोमा में चला जाए.
परंतु आज हम जिस शख्स के बारे में बात करने जा रहे हैं उसने इस बात को एकदम झुठला कर दिया है. यह व्यक्ति ऐसा क्यों और कैसे कर पाया इस बात का खुलासा भी आज तक नहीं हो पाया! अंत में डॉक्टरों के पास उस व्यक्ति को कोई दिव्य अवतार मानने के अलावा और कोई ऑप्शन नहीं बचा.
कौन था यह शख्स?
यह शख्स 18 मार्च 1877 को अमेरिका के केंटुकी में जन्मा था. इस व्यक्ति का नाम एडगर कयसी था. आज के परिपेक्ष में यह बात 143 साल पहले की है. जो भी व्यक्ति 25 वर्ष की अवस्था में आया तो यह पेड़ से नीचे गिर गया. एक ऊंचे पेड़ से नीचे गिरने के कारण व्यक्ति हाथों हाथ ही कोमा में चला गया. उस समय चिकित्सा सुविधाओं का भी इतना विस्तार नहीं था और तमाम प्रयासों के बावजूद भी उसे होश में नहीं लाया जा सका. दरअसल पेड़ से नीचे गिरने के कारण उसकी हड्डियों और दिमाग पर गहरी चोट लग गई थी.
लेकिन तभी इलाज के कुछ ही दिनों बाद जब डॉक्टर उसके पास आया तो एडगर अचानक ही बोल उठा. जहां वह कुछ सेकंड्स पहले तक हिलडुल नहीं सकता था अब वह आराम से बोलने लगा. उसने अपने डॉक्टर को बताया कि किस प्रकार वह नीचे गिरा? आगे उसने कहा कि यदि 2 दिन के अंदर उसका इलाज नहीं हो पाया तो बहुत जल्दी ही मर जाएगा क्योंकि अब उसके शरीर में ज्यादा क्षमता नहीं बची है.
उसने अपने डॉक्टर को आगे कहा कि मैं अच्छे से जानता हूं कि कौन सी दवाई मेरा इलाज कर सकती है! एडगर ने कुछ विशेष जड़ी बूटियों का नाम भी बताया जो इसका इलाज कर सकती थी. डॉक्टर ने उसे इंजेक्शन के जरिए जल्दी ही उसकी बताई दवाई देने का आश्वासन दिया. लेकिन तभी देखते ही देखते वह वापस लेट गया और उसी स्थिति में पहुंच गया जहां वह था. यह देखकर मौके पर मौजूद डॉक्टर की आंखें फटी रह गई. भीड़ इकट्ठा हुई लेकिन फिर भी वह उसी स्थिति में रहा.
तत्पश्चात उसकी बताइए दवाई को उसके शरीर में इंजेक्शन के जरिए पहुंचाया गया. यह बात भी कमाल रही कि कुछ ही दिनों में उसने अच्छे से रिकवरी कर ली. उसे दिव्य अवतार इसीलिए कहा गया क्योंकि उसकी बताई दवाई इतनी काम कर रही थी कोमा में गंभीर अवस्था में रहने वाले कई रोगियों को उससे ठीक किया जा सका. दावा तो यहां तक किया जाता है कि उसकी बताई दवाई से लगभग 30000 लोगों की जान बचाई जा सकी.