भारतीय रेल नेटवर्क बेहद बड़ा है, यह इतना बड़ा है की प्रतिदिन इसमें लाखों लोग यात्रा करते हैं. भारतीय रेल में यात्रा करने वाले लोगों की संख्या कई देशों की जनसंख्या से भी ज्यादा है. बड़े रेल नेटवर्क के कारण भारतीय रेल भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण योगदान निभाती है. भारत में प्रतिदिन 12600 से ज्यादा रेलगाड़ियां ट्रैक पर दौड़ती है. साथ ही यहां प्रतिदिन 25 लाख से ज्यादा यात्री रेल की यात्रा करते हैं. इन्हीं कारणों से भारतीय रेल नेटवर्क विश्व का चौथा सबसे सफलतम रेलवे नेटवर्क माना गया है. अपने बेहतर प्रदर्शन के कारण ही भारत ने अपने रेल नेटवर्क को आसपास के देशों में भी जोड़ दिया है. जिसके चलते आप आसानी से रेल की यात्रा के जरिए एक देश से दूसरे देश में जा सकते हैं.
आइए जानते हैं विदेश जाने वाली सभी ट्रेनों की सूची:-
1-भारत से बांग्लादेश:- मित्रों भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में यदि आप जाना चाहते हैं तो बेहद कम खर्चे में आप रेल की यात्रा के जरिए वहां पहुंच सकते हैं. इसके लिए भारतीय रेलवे संगठन ने दो ट्रेन चला रखी है. पहली ट्रेन का नाम है “मैत्री एक्सप्रेस” और दूसरी का नाम है “बंधन एक्सप्रेस”.
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मैत्री एक्सप्रेस की शुरुआत 2008 में भारतीय रेल मंडल द्वारा की गई थी. जिसकी अपार सफलता और यात्रियों के बढ़ते वर्चस्व के बाद एक अन्य ट्रेन चलाने का भी फैसला किया गया था. इसी कड़ी में 2017 में बंधन एक्सप्रेस की शुरुआत की गई थी जो सप्ताह में 6 दिन तक अपनी यात्रा सुविधा देती है. दोनों ट्रेन पश्चिम बंगाल के कोलकाता से बांग्लादेश के ढाका को जोड़ती है.
दोनों ट्रेन लगभग 300 किलोमीटर की यात्रा पूरी करती है. यदि आपको भी इन रेलवे यात्रा करनी है तो आप पहले बांग्लादेश जाने की कानूनी कारवाही कर लेवे एवं इसके पश्चात बड़ी आसानी से आप इसका टिकट प्राप्त कर सकेंगे. बांग्लादेश जाने के लिए आपको कानूनी कार्यवाही में ज्यादा मशक्कत नहीं झेलनी पड़ेगी.
2-भारत से पाकिस्तान:- हम सभी जानते हैं कि भारत-पाकिस्तान के रिश्ते कितने खराब हैं! खराब रिश्तो के चलते ही भारत पाक बॉर्डर को दुनिया की सबसे खतरनाक सीमाओं में से एक माना जाता है. भारत पाक बॉर्डर पर आए दिन जंग छिड़ी रहती है. इसीलिए यहां पर रेलवे यात्रा काफी महत्वपूर्ण हो जाती है, अपनी इसी खासियत के कारण भारत-पाक को जोड़ने वाली दोनों रेल काफी प्रसिद्ध है.
भारत से पाकिस्तान को जोड़ने वाली पहली रेल का नाम है “समझौता एक्सप्रेस”. समझौता एक्सप्रेस की शुरुआत जुलाई 1976 में हुई थी, जिसके बाद भारत पाक के खराब रिश्तो के कारण इस रेल की सुविधा कई बार बंद कर दी गई थी. कई बार बंद चालू होने के बाद वर्तमान में यह ट्रेन चलती है और यह केवल सप्ताह में 1 दिन ही पाकिस्तान के लिए निकलती है.
समझौता एक्सप्रेस अमृतसर के अटारी से पाकिस्तान के लाहौर को जोड़ती है, समझौता एक्सप्रेस कुल 27 किलोमीटर से भी कम दूरी तय करती है. महज 3 किलोमीटर चलने के बाद ही आप पाकिस्तान पहुंच जाएंगे, यानी कि आप आधे घंटे के अंदर पाकिस्तान में होंगे. लेकिन इस ट्रेन में यात्रा करने के लिए वीजा अनिवार्य है.
भारत से पाकिस्तान को जोड़ने वाली दूसरी और सबसे महत्वपूर्ण रेल का नाम है “थार एक्सप्रेस”. यह भारत की पहली विदेश यात्रा करवाने वाली रेल थी. लेकिन भारत-पाक के खराब रिश्तो के कारण 1965 में इसकी सुविधा बंद कर दी गई थी. जिसके बाद लगातार 40 वर्षों तक इस रेल की सुविधा पूरी तरह से रोक दी गई थी. लेकिन जैसा कि हम जानते हैं भारत-पाकिस्तान बंटवारे की वजह से सीमा के दूसरी और हमारे कई भारतीय परिवारों के रिश्तेदार वहीं रह गए हैं.
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जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए भारत सरकार ने एक बार फिर 2006 में थार एक्सप्रेस को पुन शुरू करने का फैसला लिया था. थार एक्सप्रेस भारत के जोधपुर से कराची को जोड़ती है. जोधपुर से निकलने के बाद भारतीय सीमा में कस्टम से संबंधित कागज बाड़मेर में जांच करवाने होते हैं. जिसके बाद आप भारतीय सीमा से बाहर जा सकते हैं. जबकि पाकिस्तान पहुंचने के बाद कस्टम से संबंधित कागजों की जांच पाकिस्तान के मीरपुरखास में की जाती है. इस बीच यदि आप के दस्तावेजों में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो आगे आपको यात्रा करने की अनुमति नहीं मिलती है.
क्या है भारतीय रेल की अन्य विदेशी संभावनाएं?-
हाल फिलहाल तो भारत कि विदेशों में केवल चार ही रेल सुविधाएं उपलब्ध है. लेकिन भारत सरकार भारत से नेपाल, भूटान, म्यांमार, थाईलैंड, चीन और वियतनाम को जोड़ने की तैयारी कर रहा है. इन सभी देशों में भारतीय रेल नेटवर्क का विस्तार करने के लिए प्रोजेक्ट पास किया जा चुका है. इन सभी देशों को भारत से जोड़ने के लिए बेहतर हाई स्पीड ट्रेनों का प्रयोग किया जाएगा.
लेकिन इन सभी देशों में रास्ते बेहद खराब है कहीं घने जंगल हैं तो कहीं ऊंचे नीचे पहाड़. इसी वजह से कम समय में यहां रेल का विस्तार करना थोड़ा कठिन कार्य होगा. रेलवे विस्तार के लिए इन सभी देशों को जोड़ने की पूरी तैयारी हो चुकी है जिसके बाद आने वाले 1 दशक तक सभी देशों में रेलवे विस्तार पूर्ण हो जाने की संभावना है.