यह श’ख्स बनाता है गाय के गोबर से बैग, चप्पल समेत ढेर सारा सामान: करता है सालाना लाखों की कमाई

शहर की भीड़भाड़ और धुएं से दूर गांव के जीवन का एक अलग ही आनंद है. गांव की हवा में भी वह शुद्धता और शांति है जो हमें लाखों रुपए चुकाने के बावजूद भी शहरों में नहीं मिल सकती.

कहने को आज की मॉडर्न सोसाइटी शहरों की तरफ भारी मात्रा में पलायन कर रही है लेकिन गांव से उनकी दूरी भी लंबे समय तक नहीं टिक सकती. कोरोना काल में इस बात का स्पष्ट उदाहरण देखा गया क्योंकि जब पूरी दुनिया त्र’स्त थी तब गांव ही एकमात्र सहारा बनकर उभरे थे.

गांव के खेतों में या घरों के बाहर गोबर का ढेर लगा रहता है जिसके इस्तेमाल से लोग परहेज करते हैं. कई लोग इसके कंडे बना कर चूल्हा जलाते हैं लेकिन गैस सिलेंडर ने इसकी जगह ले ली है. ऐसे में उनके दूसरे उपयोग के बारे में हम नहीं सोच पाते? अधिक से अधिक इसे खेतों में खाद के तौर पर प्रयोग लाया जा सकता है.

लेकिन क्या आप गाय के गोबर से विभिन्न प्रोडक्ट बनाने का सोच सकते हैं? शायद आपका दिमाग कंडे से ज्यादा नहीं जाएगा लेकिन आज हम एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसने गोबर का इस्तेमाल करते हुए विभिन्न आइटम्स बनाने का कारोबार शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं यह व्यक्ति गोबर से विभिन्न प्रोडक्ट्स बनाकर सालाना 30 लाख से ज्यादा कमाई करता है.

हम बात करने जा रहे हैं छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर में गोकुल नगर में रहने वाले रितेश अग्रवाल की. रितेश पैसे से एक पशुपालक है जिनके घर में दर्जनों गाय और भैंसें हैं ऐसे में उनके घर में गोबर बहुत ज्यादा हो जाता था और इसे इतना खेत में इस्तेमाल भी नहीं किया जा सकता था.

इसी वजह से रितेश के दिमाग की बत्ती जली और उन्होंने गोबर का इस्तेमाल करके हैंडबैग, पर्स, दीपक,अबीर गुलाल, चप्पल और मूर्तियों जैसी कई चीजें बनाने का काम शुरू कर दिया. आज वह इससे लाखों रुपए कमा रहे हैं और पर्यावरण प्रदू’षण की स’मस्या को दूर करने हेतु भी एक अच्छा कदम उठा रहे हैं.