रात को जब सारे धारावाहिक खत्म हो जाते हैं तब शुरू होता है नापतोल के विज्ञापनों का सिलसिला. आपने भी इसके जोरों शोरों के विज्ञापन जरूर देखे होंगे क्योंकि नापतोल को प्रसारित करने वाले लोग घंटो तक इसकी बहस बाजी करते हुए नजर आते हैं.
नापतोल वह जगह जहां दिखाया जाता है कि हर वस्तु सस्ते से सस्ते में और बेहतर क्वालिटी की मिलती है. इसमें कई प्रकार के चद्दर, साड़ियां, टिफिन, घड़ियां, कई इलेक्ट्रॉनिक सामान और अन्य कई प्रकार की वस्तुएं प्रसारित की जाती है.
मूल रूप से इसके विज्ञापनों में दिखाया जाता है कि इन्हें खरीदने के लिए ग्राहक के पास काफी कम समय है क्योंकि कुछ ही मिनटों में इनकी सेल खत्म होने वाली है. ऐसा बोलने के बावजूद भी हर दिन वही बात दोबारा दोहराई जाती है.
क्या है रोक लगाने के कारण ?
इन्हीं सब विज्ञापनों पर नजर रखने वाली एजेंसी का दावा है कि नापतोल के दावे काफी ज्यादा भ्रामक पाए गए हैं. बताया जा रहा है कि इनके दावे किसी भी प्रकार से विश्वसनीय नहीं है और इसकी जांच होनी चाहिए. नापतोल हर प्रकार की वस्तु को बेहतर क्वालिटी में बेचने का दावा करता है लेकिन वास्तव में इनके प्रोडक्ट्स काफी ज्यादा नकली पाए गए हैं.
एजेंसी का कहना है कि इनके द्वारा प्रसारित किए गए विज्ञापन लाइव होने का दावा करते हैं लेकिन सच्चाई तो यह है कि इन की शूटिंग पहले ही पूरी हो जाती है और वही चीज रोजाना चलती रहती है. यह ग्राहकों के खिलाफ एक बड़ी ठगी का जाल है ठगाई होने के पश्चात उन ग्राहकों के पास कोई मौका भी नहीं रह जाता.
इसके अलावा नापतोल के खिलाफ कई ग्राहकों की शिकायतें भी दर्ज करवाई है अंदाजा है कि इसके खिलाफ अब तक कुल 400 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की जा चुकी है. ऐसे में घंटो तक ग्राहकों को उल्लू बनाने का यह सिलसिला और ज्यादा दिन जारी नहीं रखा जा सकता.