लोगों ने कहा महिलाओं के बस की नहीं खेती, लेकिन यह महिला 30 लाख प्रतिवर्ष कमा कर कर रही है

जिंदगी के कदम कदम पर संगीता ने कड़ा इम्तिहान दिया है. संगीता का कहना है कि साल 2004 में उन्होंने अपने दूसरे बच्चे को खो दिया था. वह उस सदमे से उभरी ही नहीं थी कि 2007 में एक सड़क दुर्घटना में उनके पति की भी मौत हो गई थी.

संगीता का कहना है कि वह उस समय 9 महीने की गर्भवती थी और सब कुछ लगभग ब’र्बाद हो गया था. संगीता का कहना है कि यह वह दौर था जब उनके जीने की इच्छा भी खत्म हो गई थी. किसी तरह से वह 10 साल तक अपने सास-ससुर और रिश्तेदारों के साथ संयुक्त परिवार में रहीं लेकिन 2017 में पारिवारिक झगड़ों के चलते वह उनसे भी अलग हो गई.

यहां भी उनकी किस्मत ठीक नहीं रही और 2 महीने बाद ही उनके ससुर जी की भी मृत्यु हो गई. 39 वर्ष की संगीता ने अपने कठिन दिनों को याद करते हुए बताया कि जिन लोगों ने जीवन में मेरा साथ दिया मैंने उनको खो दिया. इस पारिवारिक मुश्किल का यह भी मतलब था कि अब उन्हें अपने ससुर जी द्वारा छोड़े गए 13 एकड़ खेत को भी अकेले संभालना था.

उस वक्त लोगों ने संगीता को कहा कि एक अकेली महिला खेत बार नहीं संभाल सकती और वह इस काम में कभी सफल नहीं हो सकेगी. लेकिन संगीता उन सभी बातों को गलत साबित करना चाहती थी. अब आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्तमान में संगीता नासिक के मटोरी गांव में अंगूर की खेती (Grapes Farming) करने वाली महिला किसान बन चुकी है.

आज कड़ी चुनौतियों को पार करने के बाद संगीता के खेत में 800 से 1000 टन तक अंगूरों (Grapes Farming) की उपज होती है. (Grapes Farming) से वर्तमान में वह सालाना 25 से 30 लाख रुपए कमा लेती है. केवल इतना ही नहीं अपने नुकसान की भरपाई के लिए वह छोटे स्तर पर टमाटर की खेती भी करती है.

आज वह खुद टू व्हीलर और ट्रैक्टर चलाती है. अपने वाइकल खराब होने की स्थिति में वह खुद उनकी सर्विस भी करवाती है. वह अपने बच्चों को भी बेहतर शिक्षा और जीवन देने का प्रयास कर रही है.

संगीता का कहना है कि खेती ही उनके परिवार की आमदनी का जरिया थी. और अब खेती ने उन्हें लगन और धैर्य रखना सिखाया है. वह खुद को उन लोगों के सामने साबित कर पाई जिन्हें उसकी काबिलियत पर शक था.