भारत-पाकिस्तान बंटवारे के क्या नुकसान हुए हैं यह उन लोगों से पूछिए जिनके अपने इस बंटवारे से दो हिस्सों में बट गए. हजारों लोग के परिवार 2 मुल्कों में बंट गए जिसके कारण वह आज तक वापस नहीं मिल पाए.
बंटवारे के बाद दोनों देशों के रिश्ते बेहद खराब हो गए थे और दोनों ओर इतनी उथल-पुथल मच गई की लोगों को वापस जोड़ना नामुमकिन हो गया. ऐसे ही दर्द का एहसास दो भाइयों ने भी किया है जो बंटवारे के दौरान एक-दूसरे से अलग हो गए थे.
दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दो वृद्ध एक दूसरे से गले मिलकर फूट-फूटकर रोते हुए दिखाई देते हैं. दरअसल यह दोनों सगे भाई हैं जो बंटवारे के दौरान एक दूसरे से बिछड़ गए थे. बंटवारे की इन दोनों को इतनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी यानी अपने सगे भाई से मिलने के लिए कुल 74 साल का इंतजार.
बीते मंगलवार को यह दोनों भाई करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में मिले. इनमें से भारत निवासी भाई का नाम मोहम्मद हबीब है तो पाकिस्तान के फैसलाबाद निवासी भाई का नाम मोहम्मद सिद्दीकी है. मोहम्मद सिद्दीकी, हबीब के बड़े भाई हैं.
मोहम्मद सिद्दीकी ने बताया कि पाकिस्तान बनने के 2 दिन पहले उनकी मां उनके छोटे भाई हबीब को लेकर अपने माता-पिता से मिलने गई थी. उस वक्त उन का छोटा भाई हबीब कुछ महीनों का था. लेकिन अचानक ही दोनों और उत्तल पुथल मच गई और रातों-रात ही बंटवारा हो गया.
मोहम्मद सिद्दीकी का कहना है कि वह अपनी मां और भाई का इंतजार करते रहे लेकिन वह नहीं लौटे. दोनों और हालात इतने खराब थे कि एक दूसरे से पत्राचार भी नहीं किया जा सकता था, यानी दोनों ओर संपर्क साधने की कोई व्यवस्था मौजूद नहीं थी.
अब कुछ ही समय पहले दोनों करतारपुर कॉरिडोर में वापस मिले यहां इन दोनों को पंजाबी प्रचार नामक एक एनजीओ ने मिलवाया है. यह एक ऐसा एनजीओ है जो बंटवारे के कारण बिछड़े हुए लोगों को आपस में मिलाने का काम करता है.यह पंजाब के डेरा बाबा नानक साहिब गुरुद्वारा को पाकिस्तान के दरबार सिंह गुरुद्वारा से जोड़ता है, दरबार सिंह गुरुद्वारा वह स्थान जहां श्रद्धालु बिना वीजा के शीश झुकाने आ सकते हैं.