यह 5 काम करने वाली औरतों के घर में नहीं होता लक्ष्मी का प्रवेश, अगर आप भी करती है ऐसा तो आज ही छोड़ दें

मित्रों भारतीय संस्कृति में हर विवाहित जोड़े को गौरी शंकर का रूप माना जाता है. भारतीय संस्कृति में पत्नी को अर्धांगिनी का दर्जा प्राप्त है. अर्धांगिनी अर्थात पुरुष और समस्त कुल के जीवन का आधा भाग, किसी भी कुल का भविष्य उस स्कूल की महिलाओं से ही तय होता है. क्योंकि महिलाएं घर के देखभाल और परवरिश का आधार होती है.

कहने का तात्पर्य यह है कि घर में महिला मुखिया की गतिविधियां ही हमारे घर में एक सकारात्मक या नकारात्मक माहौल का निर्माण करती है.‌ ऐसे में महिलाओं के कंधे एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, इसलिए पत्ते के कामों का असर सीधा ही उसके पति और परिवार पर देखा जा सकता है.

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महिला लक्ष्मी है, अन्नपूर्णा है. परंतु यदि वही लक्ष्मी अपनी गतिविधियों से अपने घर में अलक्ष्मी को न्योता दे दे तो उस घर में प्लेस और बीमारियां अपना घर कर जाती है. इसलिए महिलाओं को अपनी गतिविधियों को एक परम सुचारू रूप देने की सदा ही आवश्यकता रही है.‌ कुछ ऐसे काम होते हैं जो हमारे घर की महिला मुखिया के लिए बिल्कुल निषेध हैं.

1:– घर में महिलाओं और युवतियों को संध्या के समय अर्थात भगवान के पूजा पाठ के समय कभी भी बाल नहीं धोने चाहिए. केवल इतना ही नहीं यदि बाल ना भी दो हैं तो भी संध्या के समय कभी बाल खुले कर के ना घुमे. इसके विपरीत घर की महिला मुखिया को सुबह शाम भगवान की पूजा अवश्य करनी चाहिए, यह घर में सुखदाई सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है.

2:– हमारे घर में मां लक्ष्मी हमारे घर के मुख्य द्वार से ही प्रवेश करती है इसलिए हमें हमारे मुख्य द्वार को हमेशा स्वच्छ और सुंदर बनाए रखना चाहिए. मुख्य रूप से घर के मुख्य द्वार पर कभी भी महिलाओं को बैठकर गप्पे नहीं लगाने चाहिए. कई महिलाएं मुख्य द्वार पर एकत्रित होकर लोगों की चुगलियां करती है. हमारे ऐसा करने से माता लक्ष्मी हम पर बेहद क्रोधित हो सकती है.

3:– कुछ महिलाओं की आदत होती है कि वह सूर्य उदय हो जाता है और फिर भी देर तक सोती रहती है. कभी कभार तो उनके बच्चे भी उठ जाते हैं, और वे इधर-उधर घूमते रहते हैं फिर भी महिलाएं सोती रहती है. घर की मुख्य महिलाओं का इस तरह से दिल्ली तक सोना अशोभनीय है, कभी भी देरी से नहीं उठना चाहिए. अगर सुबह जल्दी नहीं उठ सकते तो कम से कम 7:00 बजे तक तो उठ ही जाना चाहिए.

4:– कई महिलाएं आलस की मारी रात को खाना खाने के बाद झूठे बर्तनों की ढेरी लगा कर रख देती हैं. ध्यान रखिए रात को कभी भी झूठे बर्तन छोड़कर नहीं सोना चाहिए, यदि फिर भी कभी बहुत ही आवश्यक हो जाए तो उन्हें रसोई घर से बाहर रख दे लेकिन रात को झूठे बर्तन छोड़ कर सो जाना निंदनीय है.

5:– कई महिलाएं वाणी की बड़ी कटु होती है, हम देखते हैं कि अक्सर ऐसी महिलाएं अपने परिवार जनों से लड़ती ही रहती है. किसी भी महिला का वाणी का कटु और क्लेश पैदा करने वाली होने को बड़ा ही दुर्भाग्य माना गया है. ऐसी महिलाओं को किसी भी प्रकार से लक्ष्मी का रूप नहीं माना जा सकता, महिलाओं को चाहिए कि वह अपने परिवार जनों से स्नेह करें और उनसे मीठी वाणी में बात करें.

इनके अलावा भी घर की महिलाओं को अपने घर बाहर की अच्छी तरीके से साफ सफाई रखनी चाहिए, क्योंकि साफ सफाई में ही मां लक्ष्मी का निवास माना गया है इसलिए यह हमारे लिए आवश्यक है. यदि आपके द्वार कोई भिक्षुक आ जाए, कोई गाय, कोई पशु आ जाए तो उसे कभी भी भूखे मत भेजिए.

आपके पास जितना भी है जो भी है ऐसे प्राणी को अवश्य कुछ ना कुछ तो दान में दीजिए. कुछ महिलाओं महिलाएं तो बड़े ही अपशब्दों का प्रयोग करती है., वैसे तो अपशब्दों का प्रयोग करना मानव जाति के लिए दुर्भाग्य है, परंतु किसी भी महिला को यह अशोभनीय नहीं है.