CBI और CID के बीच क्या अंतर होता है? जानें किन परिस्थितियों में इनकी की जाती है मांग-

अक्सर हम प्रशासन अधिकारियों और पीड़ितों को CBI और CID की मांग करते हुए सुनते हैं. इनके बारे में हमने टेलीविजन में भी खूब देखा और सुना है.

लेकिन कई लोगों यह सोचते रह जाते हैं कि आखिर इन दोनों में फर्क क्या होता है? किन परिस्थितियों में इन्हें बुलाया जा सकता है?

CID :- CID का पूरा नाम “crime investigation department” होता है. यह राज्य सरकार के अधीन आती है. CID एक प्रकार की सशक्त राज्य पुलिस है, जिनमें बेहतरीन अफसर शुमार किए जाते हैं.

CID को बुलाने के लिए किसी भी मामले को कम से कम जिला कोर्ट या हाई कोर्ट तक जाना आवश्यक है.

CID को केवल उसी परिस्थिति में बुलाया जा सकता है जब मामला राज्य पुलिस द्वारा ना संभल रहा हो. CID राज्य सरकार की बात मानने के लिए बाध्य होती है.

CBI :- CBI का पूरा नाम ” Central bureau of investigation” है. यह सीधी केंद्र सरकार के अधीन आती है, CBI का दायरा CID से कई गुना ज्यादा होता है.

CBI की तुलना अमेरिका के FBI से की जाती है. CBI की मांग करने से पहले मामले को कम-से-कम सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट तक जाना आवश्यक है.

इसमें हत्या के अनसुलझे केस, कोई बड़े राजनीतिक विवाद या अनसुलझी गुत्थीयां शामिल की जाती हैं. इसमें मुख्य रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले शामिल किए जाते हैं इसलिए आसानी से छोटे-मोटे केस में CBI नहीं बुलाई जा सकती.