पिछले 7 से 8 सालों में भारतीय लोगों का विदेश में जाकर बसने का रुझान बढ़ गया है. उच्च मध्यम वर्ग से लगाकर अमीरों तक यह एक ट्रेंड बन गया है. रिपोर्ट के मुताबिक 2014 से 2017 के बीच लगभग 1700 मिलयनरस ने भारत देश छोड़ दिया. वर्ष 2020 तक यह आंकड़ा बढ़कर 5000 पहुंच गया. जिनमें से अधिकतर लोगों की आई 7 करोड़ से अधिक थी.
केवल इतना ही नहीं 2015 से 2022 के बीच लगभग 8 लाख लोगों ने भारतीय नागरिकता त्याग दी. एक सोचने वाली बात यह भी है की जब दुनिया की शीर्ष कंपनियां गूगल टि्वटर माइक्रोसॉफ्ट आदि के सीईओ भारतीय हैं तो इतने टैलेंटेड लोगों की ख्याति यहां क्यों नहीं बढ़ी? आखिर क्यों विदेशी कंपनियों ने उन्हें अपने पास रखा?
लोगों के अलावा भारतीय लोगों का विदेशों में निवेश भी बढ़ गया है केवल लॉकडाउन के दौरान एक लाख करोड़ से ज्यादा पैसा भारतीय लोगों ने विदेशों में निवेश किया. अगर यही स्थिति बरकरार रहती है तो आने वाले 20 सालों में भारत की सभी अमीर जनसंख्या बाहर जाकर बस जाएगी. आइए इसके कारण समझते हैं.
1- लगभग 10 लाख विद्यार्थी प्रतिवर्ष भारत से बाहर पढ़ने जाते हैं. यह सभी विद्यार्थी दुनिया के लगभग 85 देशों में जाते हैं. इनमें से अधिकतर वापस नहीं लौटते क्योंकि उन्हें उसी देश में ज्यादा आय वाली नौकरी मुहैया हो जाती है. जबकि भारत वापस लौटने पर उन्हें कई कठिन परीक्षा वापस देनी पड़ती है और नौकरी की भी कोई गारंटी नहीं होती.
2-भारतीय शिक्षा प्रणाली अच्छा कर्मचारी होने का तरीका तो सिखाता है लेकिन लीडर बनने का प्रशिक्षण नहीं देती. भारतीय शिक्षा नीति का ढांचा पुराना हो गया है जो वर्तमान वैश्वीकरण की दुनिया के अनुरूप नहीं है.
3- यहां सरकारी नौकरी वालों को तवज्जो दी जाती है जबकि व्यक्ति के खुद की रचनात्मकता और उसके टैलेंट को दबाने की कोशिश की जाती है. कुछ हद तक इसके लिए शिक्षा नीति के अलावा समाज की सोच जिम्मेदार है.
4-भारत देश में नए युवाओं को इतने अवसर नहीं मिल रहे हैं यहां बेरोजगारी की दर काफी तेज है. बेरोजगारी के इस मंजर में लोग देश छोड़कर बाहर बस में को मजबूर हैं क्योंकि विभिन्न देशों में रोजगार के कई अवसर उपलब्ध है.
5-विभिन्न विकसित देशों में काम के लिए मजदूरों की आवश्यकता भी होती है. क्योंकि वहां के लोगों की लाइफ स्टाइल अलग है इसलिए वे लोग मजदूरी के काम करना नहीं चाहते. इस काम के लिए भी भारी मात्रा में भारतीय लोग जाते हैं.
6-भारत में दिल्ली मुंबई जैसे शहर काफी ज्यादा प्रदूषित हो चुके हैं और प्रदूषण का यह मंजर लगभग पूरे देश में फैल रहा है. लोगों के स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है और कहीं ना कहीं इस वजह से भी लोग बाहर जा रहे हैं.
7-इन सबके अलावा दुनिया के कई देश युवाओं को बेहतर ऑफर दे रहे हैं और वहां कामकाजी घंटे में कम निर्धारित है. मोटी रकम और काम कम करना पड़े तो कौन नहीं विदेश बसना चाहेगा?