शादी में दुल्हन के हाथों में क्यों लगाई जाती है मेहंदी? जानिए इसका वैज्ञानिक कारण!

हमारे समाज में वर्षों से विभिन्न प्रकार की परंपराएं निभाने की कथाएं चली आ रही है. हम इन सब को बखूबी निभाते भी है लेकिन ऐसी परंपरा है जो हम निभाते तो हैं लेकिन हमें यह नहीं पता कि ऐसा करने के पीछे क्या कारण होता है? मित्रों यह सर्वविदित है कि कोई भी प्रथा एक दिन में नहीं आती उसके पीछे कोई कारण तो होगा!

अगर हम बात करें भारतीय समाज में शादी होगी तो हमारे यहां मेहंदी हल्दी और विभिन्न प्रकार की जाती है. इन सब के पीछे अपना-अपना तर्क है. लेकिन अगर हम बात करें विशेष रूप से मेहंदी की तो जब भी किसी की शादी होती है तो उसके लिए मेहंदी लगाना एक प्रकार से आवश्यक होता है. जानने की कोशिश करें कि मेहंदी लगाना आवश्यक क्यों माना जाता है तो शायद लोग ऐसे हैं जिनको इस बात का जवाब नहीं मालूम!

श्रृंगार का प्रतीक :–

मित्रों मेहंदी एक ऐसा पदार्थ है जो शरीर पर लगने के बाद अपना रंग छोड़ता है. इसी रंग को किसी डिजाइन में लगाया जाए तो यह शरीर की सुंदरता को बढ़ाता है. इसी तर्ज पर जब किसी की शादी होती है तो उसे सुंदर बनाने का पूरा प्रयास किया जाता है.

इसीलिए उसके शरीर पर विभिन्न ने डिजाइन में मेहंदी बनाई जाती है ताकि उसकी सुंदरता में चार चांद लग जाए. साथ ही मेहंदी अपने आप में काफी खुशबूदार भी होती है जो शरीर में एक प्रकार की महक को फैलाती है.हालांकि वर्तमान में तो विभिन्न प्रकार के परफ्यूम मौजूद हैं लेकिन पहले के समय में इन सब का प्रचलन नहीं था.

वैज्ञानिक कारण !

मित्रों जब शरीर पर मेहंदी लगाई जाती है तो वह शरीर के उस हिस्से समेत पूरे शरीर में ठंडी तासीर पैदा करती है. जब किसी की शादी होती है तो उसके मन में विभिन्न प्रकार के प्रश्न और घ बराहट होती है. वर्तमान समय में तो कपल्स एक दूसरे को अच्छे से सोच समझ कर विवाह करते हैं लेकिन पहले के समय में विवाह से पहले लड़का लड़की एक दूसरे से अनजान होते थे.

ऐसे में दोनों ही के मन में काफी हद तक घ बराहट होती थी. इस काम के लिए मेंहदी उपयुक्त होती थी क्योंकि हाथ और पैरों पर मेहंदी मारने से यह शरीर में ठंडी तासीर पैदा करता है इससे घ बराहट काफी हद तक कम होती है. यह प्रकार से इंस्टेंट रिलीफ का काम करती थी जिससे चीजों को आराम से समझने में थोड़ी मदद मिलती थी.