कोरोना काल में जहां अधिकतर व्यवसाय और व्यापार चौपट हो गए और लाखों लोग गरीबी रेखा से भी नीचे आ गए, वहीं मेडिकल और किराणा क्षेत्र ऐसा रहा जिसमें किसी प्रकार का घाटा नहीं देखा गया. लेकिन मेडिकल क्षेत्र में Dolo-650 के व्यापार ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. इसीलिए डोलो-650 अब भारतीयों का सबसे फेवरेट स्नैक्स बन चुका है.
इस टैबलेट की बिक्री अब भारत में किसी भी टॉफी और चॉकलेट से भी ज्यादा होने लगी है. अनुमान के अनुसार डोलो- 650 ने अब तक मार्केटिंग के 60% हिस्से पर अपना कब्जा जमा लिया है. अनुमान के अनुसार मार्च 2020 के बाद इसकी 350 करोड़ से ज्यादा गोलिया बिक चुकी है. कहीं-कहीं तो इस को 500 करोड़ तक का भी बताया जाता है.
कोरोना काल में बुखार और शरीर में दर्द जैसी समस्याएं काफी आम हो गई है. इसी वजह से ज्यादातर डॉक्टर पेरासिटामोल या दर्द निवारक गोली को दिन में तीन बार लेने की सलाह दे रहे हैं. भारत मेडिकल कंपनियां 500mg की अपनी पेरासिटामोल गोली बना रही है और इसी बीच डोलो-650 ने एक अच्छा उछाल मारा है.
डॉक्टर्स की सलाह के अनुसार यह बुखार के लिए सर्वोत्तम गोली मानी जा सकती है क्योंकि यह बुखार को तेजी से कम करती है. इसके अलावा यह गोली शरीर के दर्द में भी अच्छा सुधार करती है और इसके साइड इफेक्ट भी कम है. जैसा कि कोरोना काल में बुखार और शरीर में होने वाला दर्द काफी आम समस्या बन गया था ऐसे में डोलो एक अच्छी टेबलेट साबित हुई है.
इस दवाई का निर्माण जी सुराणा द्वारा चेन्नई में 1973 में स्थापित माइक्रो लैब्स लिमिटेड में किया जाता रहा है. वर्तमान में इस कंपनी में 9200 कर्मचारी मौजूद है और कंपनी की सालाना कारोबार आय 2700 करोड़ से ज्यादा है.
बताया जा रहा है कि डोलो की इस गजब मार्केटिंग की वजह से अब सुराणा परिवार की आय में 2 अरब डॉलर से अधिक की बढ़त हो गई है.