देश समेत दुनिया भर में जो समस्या सबसे तेजी से बढ़ रही है वह है मोटापा. दुनिया के लगभग 60 फ़ीसदी लोग मोटापे की चपेट में आ चुके हैं. इनमें से अधिकतर वे लोग हैं जिनका वजन सामान्य से ज्यादा है.
बढ़ता मोटापा एक आम समस्या बनता जा रहा है और यह कई खतरनाक बीमारियों को बुलावा देता है. बड़े हुए मोटापे की वजह से ही प्रति व्यक्ति आयु भी कम हो रही है और हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ गई है.
क्या है इस समस्या का कारण?
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि इस बढ़ती समस्या का सीधा-सीधा कारण हमारे द्वारा लिया जाने वाला भोजन है. मनुष्य के भोजन में पोषक तत्वों की कमी आ चुकी है क्योंकि मनुष्य अब स्वादु भोजन की चपेट में आ चुका है. व्यक्ति को बस टेस्टी से टेस्टी चीज खाने से मतलब है भले ही वह स्वास्थ्य पर कितना ही बुरा प्रभाव क्यों ना डालें!
इस समस्या से निपटने के लिए सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग की 2021-22 की सालाना रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के बच्चों और किशोरों समेत महिलाओं में अधिक वजन और मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है. इसी वजह से नीति आयोग आर्थिक विकास संस्था और भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से इस दिशा में कुछ बेहतर कदम उठाना चाहता है.
यदि लोगों द्वारा लिए जाने वाले चिप्स, भुजिया, कोल्ड ड्रिंक, पिज़्ज़ा, बर्गर, मोमोज, कचोरी, समोसे और अत्यधिक वसा वाले अन्य कई भोजन पर टैक्स बढ़ा दिया जाए तो कुछ हद तक समस्या से निपटारा किया जा सकता है. सरकार उन सभी चीजों पर टैक्स बढ़ाने की योजना बना रही है जिनमें अत्यधिक चीनी, वसा और नमक वाले पदार्थ मिलाए जाते हैं.
अब तक गैर ब्रांडेड नमकीन, भुजिया, वेजिटेबल चिप्स और स्नैक्स पर 5% जीएसटी लगता है. वहीं को पैकेट बंद किए जाने पर जीएसटी दर 12% हो जाती है. लेकिन अब जल्दी ही इस कर को और ज्यादा बढ़ाए जाने की योजना बनाई जा रही है.