99% लोग नहीं जानते पानी पीने का सही तरीका, एक दिन में इतनी मात्रा में पानी पीने से आप हमेशा स्वस्थ रहोगे

पानी दिखने में जितना साधारण होता है, उतना ही हमारे शरीर के लिए लाभदायक या हानिकारक भी साबित हो सकता है। बस यह हमारे पानी पीने के तरीकों पर निर्भर करता है। अगर सही तरीकों से पानी पिया जाए तो आपका स्वास्थ्य पूरी तरह सही रहेगा और आपकी त्वचा भी चमकदार रहेगी। लेकिन अगर पानी को गलत समय और गलत तरीके से पिया जाए तो आप कई बीमारियों से ग्रसित हो सकते है।

पानी हमारे शरीर के अंगों को ठीक से काम करने में और अपशिष्ट पदार्थों (toxins) को बाहर निकालने में सहायक है। वजन घटाने से लेकर वजह बढ़ाने तक पानी एक बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। इसलिए पानी की सही मात्रा और उसे पीने के सही समय की जानकारी होना बहुत जरूरी है। अगर पानी की जानकारी न हो तो इंसान चाहे कितनी भी अच्छी चीजें जैसे, फल या सब्जियाँ क्यों न खा लें उनका असर शरीर पर नहीं पड़ता जिसके कारण भविष्य में काफी सारी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।

अगर साफ़ शब्दों में कहे तो आपका कुछ भी खाया हुआ आपके शरीर को लगेगा या नहीं, ये सिर्फ पर्याप्त मात्रा में पानी पीने पर निर्भर करता है। क्योंकि पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से ही खाना सही से पचता है और खाना सही से पचेगा तभी तो शरीर को लगेगा।

जैसे कि कब्ज, अपचन, गैस, लीवर की कमजोरी, सुस्ती रहना, गुर्दे में पथरी आदि। रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी की वजह भी बनता है। इसके अलावा ढंग से पानी न पीने से खुजली और चमड़ी की बीमारियों का सामना भी करना पड़ सकता है। जिन लोगों को जोड़ो के दर्द और खाया पिया न लगने की शिकायत होती है उनमें पानी की शिकायत सबसे ज्यादा पाई जाती है। इसके साथ पानी को डिप्रेशन के खिलाफ काफी सहायक माना गया है। हमारा शरीर 60 % से 70% पानी से बना होता है।

तो आइये हम आज आपको सब कुछ बताते है पानी के उपयोग के बारे में कि कब, कितना और कैसे पीना चाहिए-

पानी कब पीना चाहिए

पानी को खाने से पहले और खाने के बाद कम से कम एक घंटे न पीए। खाते समय पानी पीने से या खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने से आपकी पाचन शक्ति कमजोर पड़ती है, जिसके कारण आपका शरीर नुट्रिएंट्स नहीं सोक पाता और आपको कब्ज जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ता है। आयुर्वेद में इसे ज़हर के बराबर कहा गया है। आप इसके जगह केवल कुल्ला भी कर सकते है ताकि आपका शरीर खाने को अच्छी तरह से पचा सके। अपने वजन को बनाए रखने के लिए और चर्बी को घटाने के लिए इस बात का शक्त ध्यान रखे कि खाने के तुरंत बाद पानी न पीए।

  • सुबह उठते ही खाली पेट लगभग आधा लीटर पानी पिए (आप चाहे तो थोड़ा गुनगुना पानी पी सकते है)
  • सुबह खाली पेट पानी पीने से आपके शरीर में मौजूद अपशिष्ट और विषैले पदार्थ टॉयलेट के साथ बहार निकल जाते है।
  • अगर कब्ज की परेशानी रहती है तो सुबह खली पेट पानी पीने से इसमें फायदा मिलेगा।
  • खाना खाने के 1 घंटे पहले और बाद में पानी पिए।

किस तरह से पानी पीना चाहिए?

इसके अलावा पानी किस तरह से हमारे शरीर में जाता है इससे भी बहुत फर्क पड़ता है। पानी को हमेशा एक जगह पर बैठ कर आराम से धीरे धीरे पीना चाहिए। आज कल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हम इन बातों का बिलकुल ध्यान नहीं रखते और आगे जा कर हमें इनके बुरे प्रभावों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा सलाईवा (मुँह में बनी लार) यानी मुँह के पानी में पानी का घुलना बहुत जरूरी होता है। परन्तु अगर हम एक साथ ज्यादा पानी पिए तो हमें एसिडिटी होने होने लगती है जिसके कारण जी घबराता है और उलटी होने की संभावना बन जाती है।

आपके मुँह में बनी लार का आपके शरीर में पहुंचना बहुत जरुरी है क्योंकि आपने मुँह में बनी लार खाना पचाने में बहुत सहायक है। आपने सुना या पढ़ा होगा की खाने को अच्छी तरह से चबा चबा कर खाना चाहिए। भोजन को अच्छे से चबाकर खाने से मुँह में लार बनती है जो खाते वक़्त ही कैर्सिनोजेनिक तत्वों को खत्म करने में मदद करती है। कार्सिनोजेन डाइट के हानिकारक तत्वों के संक्रमण से लार मुँह को साफ़ रखती है और ये प्रकिया 30 मिनट तक पेट में भी चलती है। आपके मुँह में बनी लार का खाने और पानी के साथ पेट में पहुंचना जरूरी है।

कौन सा पानी पीए?

फ्रिज का ठंडा पानी, गरमी होने पर और बाहर से आने पर हम सीधा पानी पीना पसंद करते है। आपके यह करने से खून की गति कम हो सकती है और हानिकारक चर्बी को जन्म भी देता है। आपके शरीर की पाचन गति भी कम हो जाती है जिससे पेट में दर्द की आशंका रहती है। इसके अलावा ठंडे पानी से दिल की बीमारियाँ भी जन्म लेती और जोड़े के दर्द की समस्या भी बढ़ जाती है। लेकिन गर्मी में गर्म पानी पीना भी संभव नहीं है तो आप फ्रिज के बजाय मिट्टी के घड़े का पानी भी पी सके है।

आपको अब बखूबी पता चल गया होगा की पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है। लेकिन कई लोग ज्यादा पानी नहीं पी पाते है। इसकी एक वजह यह भी है कि वह बहुत ज्यादा ठंडा पानी पीते है क्योंकि ज्यादा ठंडा पानी पीने से कम पानी में ही प्यास बुझ जाती है। तो ज्यादा मात्रा में पानी पीने लिए कम ठंडा पानी पिए। अगर आप फ्रिज की बजाय मटके का पानी पिएंगे तो ज्यादा पानी पी पाएंगे क्योंकि मटके का पानी स्वाद में ज्यादा अच्छा लगता है और यह सीमित मात्रा में ठंडा होता है।

कितना पानी पीए?

एक दिन में सामान्य रूप से एक व्यक्ति को 3 लीटर पानी पीना चाहिए। जिम या एक्सरसाइज करने वाले व्यक्तियों को एक दिन में 4 से 5 लीटर पानी पीना चाहिए। आप को यह समझना होगा कि कितना भी व्यस्त होते हुए भी आपको पानी पीना नहीं छोड़ना है। लोग आज कल इतने बीजी हो गए है की उनके पास उनके लिए ही वक़्त नहीं है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर का मेटाबॉलिज्म अच्छा रहता है, जिससे आपका पाचन सही तरीके से होता है।

आप जितना ज्यादा पानी पीएंगे उतना ही फ़ायदा आपको देखने को मिलेगा, जरूरी नहीं कि आप सारा दिन पानी पीते रहे परन्तु प्यास लगने पर झट से पानी पीना भी बहुत जरूरी है। ज्यादा पानी पीने से आपके शरीर के पदार्थों में पानी भर सकता है लेकिन न पीने पर पानी की कमी भी हो सकती है। तो इसे बनाए रखने के लिए आपका नियमित पानी पीना बहुत जरूरी है। सुबह उठते ही गुनगुना पानी पीने से हमारा शरीर साफ़ रहता है। वहीं और शरीर के अंग भी ज्यादा अच्छे से काम करते है। हमें सुस्ती और कमजोरी का सामना नहीं करना पड़ता।

शरीर में पानी की कमी का कैसे पता करें-

आपके शरीर को दिन में पर्याप्त मात्रा में पानी मिल रहा है या नहीं इसका पता करना बहुत ही आसान है। कई बार होंठ या गला सूखने लगता है तब तो आसानी से पता लग जाता है कि हमें प्यास लगी है और पानी पीना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होने पर कैसे पता करें कि शरीर में पानी की कमी है या नहीं? इसके लिए जब भी आप मूत्र विसर्जन करने जाए तो देखे कि आपका मूत्र पीले रंग का तो नहीं है? आपका मूत्र ज्यादा पीले रंग का है तो शरीर में ज्यादा पानी की कमी है। अगर हल्का पीलापन है तब कम मात्रा में पानी की कमी है और यदि मूत्र बिलकुल पानी के रंग का है तब आपके शरीर में पानी की कमी नहीं है।

योग गुरु बाबा रामदेव का क्या कहना है पानी पीने के बारे में-

योग गुरु बाबा रामदेव का भी कहना है कि पानी हमारा दोस्त होगा या दुश्मन यह हम पर निर्भर करता है। ऊपर दी गयी बातों का सख्त ध्यान रखने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। जिसके कारण मन और तन दोनों खुश रहते है और दिमाग के काम करने की क्षमता भी बढ़ जाती है। यह बातें लोग समझते तो है पर लोग आलस के कारण यह कुछ समय करके छोड़ देते है। जिससे उन्हें भविष्य में दवाइयों के सहारे जिंदगी गुजारनी पड़ती है। ऊपर दी गयी बातों पर सख्ती से ध्यान दें ताकि आपका आने वाला भविष्य सुखी हो।