मित्रों जल का महत्व तो हम सब जानते ही हैं हम सब अच्छी तरीके से जानते हैं कि बिना जल के हमारा जीवन कुछ भी नहीं. कई जगह हमें लिखा भी मिलता है “जल है तो जीवन है”, अगर यह कहे कि बिना जल के मनुष्य जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती तो यह कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. क्योंकि यह बात पूरी तरह से सत्य है जल जितना सामान्य है उतना ही दुर्लभ है.
हमारी पृथ्वी पर जीवन का मुख्य आधार भी जल ही है ऊपर से उपग्रहों से देखने पर हमारा ग्रह पृथ्वी नीला दिखाई देता है वह हमारे यहां उपस्थित जल के कारण ही है. हमारा शरीर भी लगभग 70% जल से ही निर्मित है, हमारे खून में इसकी विशेष मात्रा पाई जाती है. हमारे पाचन, श्वसन, चलने, बोलने, फिरने हर चीज के लिए जल की उचित मात्रा आवश्यक है.
ऐसे में हमारा जल को ग्रहण करने का ढंग भी काफी महत्वपूर्ण हो जाता है, हम आसपास देखते हैं कि हमारे में से कई लोग या हम खुद ही ज्यादातर समय खड़े होकर पानी पीते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं यह तरीका बेहद ही गलत है. आयुर्वेद में पानी को खड़े होकर पीना बिल्कुल ही निषेध बताया गया है क्योंकि ऐसा करने से पानी सीधा ही एक बड़ी मात्रा में हमारी ग्रसिका से सीधा हमारे आमाशय में पहुंच जाता है जो एक साथ उस पर एक बड़ा वजन बनाता है.
हमारे शरीर कुछ इस प्रकार से निर्मित है कि हम चाहे ज्यादा भोजन ले या ज्यादा पानी पिए लेकिन वह एक साथ पेट में नहीं जाता वह धीमे-धीमे करके ही हमारे आमाशय में पहुंचता है लेकिन खड़े होकर पानी पीने से उस पर अवरोध नहीं बनता है जिसके कारण वह सीधे ही आमाशय में पहुंच जाता है. इसलिए खड़े होकर पानी पीना बिल्कुल ही गलत है.
इससे होने वाले नुकसान–
1– लंबे समय तक या रोजाना खड़े होकर पानी पीने वाले लोगों का पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है क्योंकि उसे बार-बार अतिरिक्त वजन सहन करना पड़ता है, इसलिए धीमे-धीमे हमें पाचन में समस्याएं उत्पन्न हो जाती है.
2–पाचन में बाधा की वजह से हमारे शरीर में रक्त संचरण में दिक्कत आती है जिसके कारण हमें दिल की समस्या होने की संभावना होती है.
3–ज्यादा पानी शरीर में एक साथ आने की वजह से हमारी किडनी उसे सही से छान नहीं पाती है, जिसके कारण हमें किडनी में समस्या उत्पन्न हो सकती है तथा यूरिन इन्फेक्शन होने का खतरा 80% तक बढ़ जाता है.
4–शरीर में उत्पन्न हुए असंतुलन के कारण हमारे हड्डियों में भी समस्या उत्पन्न हो सकती है जिसके कारण कई व्यक्तियों को घुटनों में दर्द और हड्डियों में दर्द की समस्या भी पैदा हो सकती है. जिसके चलते हमें मोटे तौर पर अपच, जलन और मुंह में छाले की भी समस्या हो सकती है. इसलिए सबसे बेहतर उपाय यही है कि हर व्यक्ति को बैठकर तथा धीमे-धीमे ही पानी पीना चाहिए, आज की एक छोटी सी सावधानी हमें कल को होने वाले कई रोगों से बचा सकती है. इससे हमारा पाचन तंत्र मजबूत बना रहेगा जो कि हमें लगभग सभी बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है.