मित्रों परमात्मा ने मानव शरीर का निर्माण इस प्रकार से किया है कि हमारे चारों ओर के सभी प्राकृतिक स्रोतों पर हम पूरी तरह से निर्भर है. हम जितनी चाहे तरक्की कर लें लेकिन हम प्राकृतिक आवश्यकताओं से बचकर कहीं नहीं जा सकते हैं. इसी वजह से हमारे शरीर के लिए सूरज की रोशनी हमारे भोजन जितनी ही आवश्यक है, (Health and Fitness) यदि हम सूरज की रोशनी का सामना नहीं करते हैं तो हमें भयंकर नुकसान का सामना जरूर करना पड़ेगा.
यदि धूप लेने से बचते हैं आप:- मित्रों यदि आप भी धूप में निकलने से बचते हैं और आप अपने भोजन में कोई मल्टीविटामिन स्रोत भी नहीं ले रहे हैं, तो मित्रो आवश्यक रूप से आपके शरीर में विटामिन-D की कमी हो जायेगी. और इसकी कमी से बहुत कम समय में ही आपकी हड्डियां कमजोर हो जाएगी, चाहे आपकी उम्र 20 वर्ष ही क्यों ना हो! लेकिन आपको हड्डियों की कमजोरी का सामना करना पड़ेगा.
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इसके अलावा आपके शरीर में “ओस्टियोपोरोसिस” की संभावना भी बढ़ जाती है. जिसकी वजह से आप के कंकाल तंत्र का घनत्व कम होने लगता है और आपके शरीर में हल्की सी चोट से भी फ्रैक्चर होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है. ओस्टियोपोरोसिस की वजह से हमारे शरीर की चयापचय क्रिया में बुरी तरह से प्रभावित हो जाती है.
और इसकी वजह से हमें अनेक प्रकार के रोगों का सामना करना पड़ सकता है. हड्डियां बनती तो कैल्शियम से है लेकिन हमारे शरीर में कैल्शियम को सक्रिय करने के लिए विटामिन डी आवश्यक है विटामिन डी के बगैर हमारे शरीर में कैल्शियम केवल फैट के तौर पर जमा हो जाता है और उसका कोई उपयोग नहीं होता.
कैंसर से भी बचाती है सूरज की रोशनी:-
सूरज की रोशनी हमारे शरीर में विटामिन डी का स्तर बढ़ाती है. हमारे उत्तकों में विटामिन डी के जटिल कण स्थित होते हैं, जो हमारे शरीर में आसानी से किसी भी प्रकार का ट्यूमर नहीं बनने देते हैं. यह हमारे शरीर में हर प्रकार की गांठ पर प्रभावी होते हैं, यदि हमारे शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी मौजूद है तो जीवन में शायद विरले ही आपको कैंसर की समस्या से पीड़ित होना पड़ेगा. इसलिए आप को आवश्यक रूप से सूरज की रोशनी लेनी चाहिए, इसके साथ ही साथ आप मल्टीविटामिन टैबलेट्स का भी प्रयोग कर सकते हैं.
लेकिन कुछ स्थानों पर प्रतिदिन सूरज नहीं निकलता है तो ऐसे लोग क्या करें? मित्रों इन लोगों का भी खाली गोलियां घटकने से काम नहीं चलने वाला. धूप तो इन्हें भी आवश्यक रूप से लेनी ही पड़ेगी, जब तक सूरज नहीं निकलता हो तब तक गोलियों से काम चलाया जा सकता है. क्योंकि गोलियों से बनने वाला विटामिन डी प्राकृतिक रूप से बनने वाले विटामिन डी की तुलना में कम प्रभावी होता है. प्राकृतिक रूप से बना विटामिन डी हमारे शरीर में अधिक स्थाई है और लंबे समय तक हमें विभिन्न रोगों से बचाता है.
अब ऐसे में सवाल यह पैदा होता है कि आखिर विटामिन डी प्राप्त करने हेतु धूप कब और कितनी लेनी चाहिए? मित्रों यदि आपको अपने शरीर में विटामिन डी का संतुलन बनाए रखना है तो आपको हमेशा दोपहर से पहले और दोपहर के बाद की धूप ही लेनी चाहिए. दोपहर की धूप हमारी त्वचा के लिए नुकसानदायक हो सकती है क्योंकि इससे हमारी त्वचा जल सकती है.
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इसके अलावा दोपहर की धूप बड़ी तेज होती है जिसे सहन कर पाना भी काफी मुश्किल है. गर्मियों के दिनों में दोपहर के बाद की धूप ही सर्वश्रेष्ठ है जबकि सर्दियों में दोपहर के पहले की धूप काफी अच्छी मानी जाती है. अब विटामिन डी प्राप्त करने के लिए आपको कितने समय तक धूप में बैठना चाहिए? कुछ लोग तो घंटों तक सूरज की रोशनी में बैठे रहते हैं और सोचते हैं कि अब हमारे शरीर में ना जाने कितना है विटामिन डी बन गया होगा!
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लेकिन मित्रों आप को घंटों तक सूरज के सामने तपने की कोई आवश्यकता नहीं है, पूरे दिन में यदि आप आधा घंटा धूप सेकते हैं तो आपके स्वास्थ्य के लिए यह उत्तम है. 20 से 25 मिनट तक भी यदि रूप से की जाए तो भी यह स्वास्थ्य के लिए कम लाभदायक नहीं है. आजकल बदलते जमाने के साथ हमारा खान पीन भी काफी खराब हो चुका है इसके लिए आप अपने शरीर में विटामिन का संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक रूप से भोजन के साथ दूध का सेवन करें.