सोशल मीडिया पर इन दिनों एक रोते हुए छोटे बच्चे का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें यह छोटा बच्चा रोते हुए अपनी व्यथा बताता है. बताया जा रहा है कि वायरल वीडियो बिहार के रोहतास जिले के तिलौथू खंड का है. आश्चर्य की बात यह है कि जब बच्चा रोते हुए अपने पिता की पोल पट्टी खोलता है तो पीछे खड़ा पिता अपने बच्चे की बात पर मुस्कुरा रहा होता है. टीचर और उस पिता को फटकार लगाता है लेकिन फिर भी वह मुस्कुराता है.
क्या है इस “वायरल वीडियो” की पूरी कहानी? – बताया जा रहा है कि यह वायरल वीडियो तिलौथू खंड के एक सरकारी स्कूल का है. जिसमें बच्चे के टीचर में उसे कुछ किताबें खरीदने को कहा था, लेकिन लगातार 5 दिन तक बच्चे ने किताबें नहीं खरीदी. जिसके बाद टीचर बच्चे को लगातार डांट रहे थे. लेकिन पांचवें दिन जब टीचर बच्चे को फटकार लगा रहे थे और पूछ रहे थे कि आखिर तुम किताबे क्यों नहीं खरीद रहे हो? तभी यह छोटा बच्चा फफक-फफक कर रो पड़ा.
बच्चा अचानक ही आंसू बहाने लगा और अपने पिता की पोल पट्टी खोलने लगा. छोटा बच्चा रोते हुए कहता है कि मैं रोज अपने पिता को किताब खरीदने के लिए कहता हूं लेकिन मेरे पिता किताबें खरीदकर नहीं देते हैं. मेरे पिता रोज रात को सभी पैसों से दारू पी जाते हैं. हम कुछ भी करने को बोले तो हमारे पिता नहीं करते. आश्चर्य की बात है कि बच्चा जब यह सारी घटना बताता है तब उसका पिता पीछे खड़े होकर मुस्कुरा रहा है.
टीचर उसके पास जाकर उससे पूछता है कि क्या तुम्हारा बच्चा सही कह रहा है? तब वह बोलता है कि ऐसा कुछ नहीं है लेकिन बच्चा दोबारा कहता है कि नहीं यह रोज दारु पीते हैं. तभी टीचर पास खड़ी उस बच्चे की बहन से पूछता है. लेकिन वह छोटी बच्ची भी यही कहती है कि हां, यह हमें किताबें नहीं दिलाते हैं. लेकिन रोज दारु पीते हैं. टीचर पिता को समझाने की थोड़ी कोशिश करता है लेकिन पिता आनाकानी करने लगता है.
जानकारी के लिए बता दें कि बिहार में इन दिनों सख्त शराबबंदी चल रही है लेकिन फिर भी ऐसे लोग अपनी आवश्यकताओं से हटकर शराब को तवज्जो देते हैं. सरकारी स्कूल में अध्ययनरत बच्चों को यदि एक पिता उनकी जरूरत की किताब भी ना लाकर दे तो उसका क्या औचित्य? एक पिता होने के नाते उसको यह बात शोभा नहीं देती कि वह अपने बच्चों की आवश्यकताओं से हटकर शराब के मजे ले.
रोते हुए बच्चे का यह वीडियो हमारे समाज पर एक बड़ा प्रश्न उठाता है. कहने को तो हमारा देश विकसित हो रहा है लेकिन उन लोगों का क्या जिन की मूलभूत आवश्यकताओं से ऊपर शौक हो? जब से सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हुआ है तब से लोग इस बारे में तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. कई लोग इस छोटे बच्चे की मनोवृति पर अपनी सांत्वना प्रदर्शित कर रहे हैं.
शराब पीना कोई जुर्म नहीं है लेकिन शराब की लत में इस प्रकार आदी हो जाना कि अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को हम नजरअंदाज कर दें यह किसी प्रकार से ठीक नहीं कहा जा सकता. हम उम्मीद करते हैं कि समाज के सभी वर्ग शिक्षा का महत्व समझे और अपने बच्चों को यथासंभव अच्छी शिक्षा दिलवाने में उनकी सहायता करें, वास्तव में शिक्षा ही हमारे आगामी भविष्य का निर्माण करेगी इसलिए रोटी, कपड़ा, मकान के बाद सबसे ज्यादा आवश्यक शिक्षा ही है.