जानवर भी इंसानों की तरह अपनी भावनाएं जाहिर नहीं कर सकते लेकिन उन्हें भी दुःख होता है. इस बात को सच कर दिखाया है मोरों के एक जोड़े ने. जहां एक मोर अपने साथी की मौत हो जाने के बाद उसके शव के पास घंटों बैठा रहा.
जब उसको दफनाने के लिए ले जाया गया तब भी वह पीछे पीछे चलता रहा. यह आश्चर्यजनक घटना राजस्थान के नागौर जिले के कुचेरा से सामने आई है. जहां रामस्वरूप विश्नोई के घर पिछले 4 साल से तीन मोर रह रहे थे.
इनमें से दो मोरों के बीच में घनिष्ठ मित्रता थी क्योंकि यह दोनों साथ ही चुगा चुगते थे और दिन भर साथ ही रहते थे. यह मोर कई बार रामस्वरूप के साथ खाना भी खाते थे. लेकिन लगातार चार साल की अठखेलियों के बाद उनमें से एक मोर मर गया.
अपने साथी का शव देखकर दूसरा मोर वहीं बैठ गया और घंटों विलाप करने लगा, इतना ही नहीं जब मोर के शव को ले जाया जा रहा था तब वह पीछे पीछे चलता रहा. उसको दफनाने के बाद भी वह वहां से नहीं आया. बाद में वहां से वह चुपचाप वापस लौट तो आया लेकिन गुमसुम बैठा रहा और खाना भी नहीं खाया.
मोरों की यह घनिष्ठ मित्रता को देख कर हर कोई आश्चर्य में डूब गया. यह इस बात का पुख्ता प्रमाण है कि हम मनुष्य यह समझते हैं कि रिश्ते नातों की समझ केवल हमें हैं लेकिन मनुष्य के अलावा भी ईश्वर ने प्रत्येक जीव के मध्य एक रिश्ते का सृजन किया है.
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सांस ले सकने वाला हर जीव रिश्ते नातों की इस माया से प्रभावित है, और जानवरों के बीच में भी मां-बाप और परिवार का वही संबंध और भावना होती है जो इंसानों के बीच होती है. फर्क केवल मुंह से अपनी भावनाएं जाहिर करने का है क्योंकि जानवर बोल कर अपना हाल नहीं बता सकते.