झोपड़ी में रहने वाली लड़की पर जब फिदा हो गया करोड़पति, हेलीकॉप्टर से लेने पहुंचा अपनी दुल्हन को

अक्सर हम प्यार में पागल लोगों को उटपटांग हरकतें करते हुए तो देखते ही हैं, जो प्यार का सहारा लेके कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं. वहीं इस दुनिया में कुछ नेक इंसान भी होते हैं जो प्यार तो करते हैं लेकिन पूरी सच्चाई के साथ उसे हासिल करने की तमाम कोशिश करते है.

इनकी प्रेम कहानी समाज के लिए एक प्रेरणा और उदाहरण दोनों बनती है, आज हम बात करेंगे ऐसे ही एक गजब प्रेम कहानी की जब लड़के ने करोड़पति होने के बावजूद भी एक गरीब लड़की से प्रेम भी किया और उससे शादी रचाई.

आइए जानते हैं पूरी कहानी:- मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में सहीस्ता अपने परिवार सहित रहती थी. इनका परिवार गरीब था, इनके पास ना पक्का मकान था और ना ही दो वक्त का खाना खाने का साधन.

यह परिवार वर्षों से गरीबी में अपना गुजारा कर रहा था और गांव में ही इन्होंने अपनी झोपड़ी बांध रखी थी. घर की सबसे बड़ी बेटी सहीस्ता थी.

सहीस्ता वास्तव में बहुत ही नेक लड़की थी. उसे अपनी गरीबी का कोई मलाल नहीं था और वह जिम्मेदारी से सभी वक्तों की नमाज अदा करती थी.

जब उसके परिवार की कमाई के सभी साधन बंद हो गए तो सहीस्ता ने सिलाई का काम शुरू कर दिया. सिलाई करके ही वह अपने परिवार का ख्याल रखती थी, जब भी फ्री बैठती अल्लाह को याद करने बैठ जाती. उसे ना तो आगे पीछे की कोई चिंता थी और ना ही कोई लोभ-लालच.

जब आसिफ की मुलाकात हुई सहीस्ता से- पास के गांव सुकेत में आसिफ और उसका परिवार रहता था. आसिफ पीढीयों से बेहद अमीर था, उसके वालिद साहब जाने-माने व्यवसायी थे. अब आसिफ के घरवाले उसके लिए रिश्ता ढूंढने लगे थे, और उन्होंने आसिफ के लिए कई लड़कियां भी देख रखी थी.

लेकिन फिर भी उन्हें ऐसी कोई लड़की नहीं मिली जिसकी उन्हें तलाश थी. वास्तव में उनके पास धन की कोई कमी नहीं थी इसलिए उन्हें एक शरीफ लड़की की तलाश थी जो आसिफ की जिंदगी सवार सके.

आसिफ की नानी का घर सहीस्ता की झोपड़ी के पास ही था, इसलिए आसिफ के घर वालों का वहां आना जाना लगा रहता था. एक बार आसिफ भी अपनी नानी से मिलने वहां गया. दूसरे दिन सुबह उसने देखा की सहीस्ता सुबह जल्दी पाक साफ हो गए नमाज पढ़ने बैठी हुई थी.

उसे लड़की कितनी शराफत पर आश्चर्य हुआ! दिन में उसने अपनी नानी से सहीस्ता के बारे में पूछा. उसकी नानी ने आसिफ के सामने सहीस्ता की तारीफों के पुल बांध दिए. यह सब सुनकर आसिफ को लगा कि उसे भी ऐसी ही एक लड़की की तलाश है क्यों ना वह इसी से शादी कर ले?

आसिफ के घरवाले जब सहीस्ता के घर रिश्ता लेकर पहुंचे तो उन्हें लगा कि यह हमारे साथ कोई मजाक कर रहे हैं. उन्होंने माफी मांगते हुए कहा साहब हमसे कोई गलती हो गई है क्या? इसके बाद आसिफ के घर वालों ने समझाया कि हमें वास्तव में आपकी बेटी पसंद है, क्या आप हमारा रिश्ता मंजूर करेंगे? सहीस्ता के घरवालों को दाल में कुछ काला लगा और उन्होंने इस रिश्ते से इंकार कर दिया, क्योंकि वह सोच रहे थे की आखिर इतने अमीर खानदान को ऐसी क्या सूझी कि वह हमसे रिश्ता करेगा?

काफी समय बीत गया लेकिन फिर भी आसिफ अपनी बात पर अटल रहा, तब अच्छी तरह से छानबीन करने के बाद सहीस्ता के घर वालों को यकीन हो गया कि वास्तव में सब ठीक है. उन्होंने रिश्ते को मंजूरी तो दे दी लेकिन साथ ही यह कहा कि हम दोनों परिवारों का कोई मेल नहीं है इसलिए आप हमारी बेटी को कभी दुख दर्द मत दीजिएगा. इस पर आसिफ के घर वालों ने आश्वासन दिया कि हम बेटी की तरह ही अपनी बहू को रखेंगे.

फिर क्या था! शादी की तैयारियां होने लगी और पूरा गांव मुंह में उंगली डालकर इस रिश्ते पर आश्चर्य करने लगा. लोगों को विश्वास नहीं हो रहा था और होता भी कैसे आखिर इतना बेमेल रिश्ता जो था.

सहीस्ता भी कहती है उसे अपने खुदा पर यकीन था लेकिन उसने इतना कभी नहीं सोचा था कि रातों-रात उसकी किस्मत पलट जाएगी. आसिफ के घर वालों ने निकाह की जोरदार तैयारी की, आसिफ अपनी दुल्हन को लेने हेलीकॉप्टर लेकर आया. जिसके बाद गांव वालों की आंखें फटी की फटी रह गई. आपकी इस रिश्ते के बारे में क्या राय है?