अभिनेत्री आलिया भट्ट और रणबीर कपूर इन दिनों अपनी शादी को लेकर सुर्खियों का विषय बने हुए हैं. दोनों लंबे समय से एक-दूसरे को डेट कर रहे थे और आखिरकार दोनों ने 14 अप्रैल 2022 को एक दूसरे से शादी की. आलिया और रणबीर की शादी बॉलीवुड में एक त्यौहार की तरह उभरकर आई और दोनों के फैंस शादी को लेकर काफी एक्साइटेड रहे.
इसी कड़ी में दोनों की शादी को लेकर तरह-तरह की बातें सोशल मीडिया में सामने आ रही हैं. हाल ही में एक और बात सामने आई है जो आलिया और रणबीर के फेरो और वचनों के समय की है.
जैसा कि हम सभी जानते हैं हिंदू संस्कृति में दूल्हा दुल्हन एक दूसरे को शादी के दौरान सात वचन देते हैं और उसके बाद ही विवाह संपन्न होता है. यह वचन दूल्हा दुल्हन के जीवन से जुड़े विभिन्न भागों के बारे में चर्चा करते हैं. जिनमें कुछ वचन दुल्हन दूल्हे से लेती है तो कुछ उसके आगामी जीवन को लेकर दुल्हन स्वयं देती है.
ऐसे में बताया जा रहा है कि रणबीर और आलिया जब सात वचन ले रहे थे तब पिता महेश भट्ट ने आलिया भट्ट को सातवां वचन देने से मना कर दिया. जिसके बाद आलिया ने अपने पिता की बात मानी और रणबीर कपूर को सातवां वचन नहीं दिया.
क्या है महेश भट्ट का कहना ?
आलिया और रणबीर जब वचन ले रहे थे तब पिता महेश भट्ट ने कहा कि आलिया को सातवां वचन नहीं देना चाहिए. महेश भट्ट ने कहा कि उन्होंने आलिया की मां से भी सातवां वचन नहीं लिया था. क्योंकि साथ में वचन में कहा गया है कि एक पत्नी धर्म अर्थ और काम संबंधी सभी कार्यों में अपने पति के अधीन है.
अर्थात महिला अपने जीवन में कोई भी कार्य अपने पति से बिना पूछे नहीं कर सकती. महिला इस वचन में अपने पति को यह कहती है कि वह समस्त अग्निदेव, ब्राह्मण अपने माता पिता और परिवार की मौजूदगी में स्वयं को अपने पति को समर्पित करती है.
साफ है की महिला आज के परिपेक्ष में किसी भी पुरुष के अधीन नहीं हो सकती. इसी वजह से आलिया ने अपने पिता की बात को मानना ठीक समझा और उन्होंने शादी की सभी रस्में अदा की लेकिन इस बात का वचन नहीं दिया कि वह जीवन के हर परिपेक्ष में अपने पति के अधीन रहेगी.