बॉलीवुड का ये प्रसिद्ध खलनायक घर से भागा था 26 रूपये लेकर लेकिन अपने बलबूते कमाए करोड़ों रुपए

कहा जाता है मेहनत किसी की मोहताज नहीं होती. अगर अपने बलबूते मेहनत की जाए तो जिंदगी में कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है. कईयों को कम मेहनत में यह हासिल हो जाता है तो कईयों को इसके लिए अच्छा खासा तपना पड़ता है. लेकिन मेहनत के बलबूते सफलता हासिल होना निश्चित है.

इसी कड़ी में हम आपके लिए आज एक बॉलीवुड की प्रेरणादायक कहानी लेकर आए हैं और इस कहानी में हम चर्चा करेंगे बॉलीवुड के उस किरदार की जो एक जमाने में चंद रुपए लेकर अपने घर से भागा था.

अगर आप भी बॉलीवुड की पुरानी फिल्में देखना पसंद करते हैं तो आपने अमर अकबर एंथोनी, प्रोफेसर प्यारेलाल, जमाना, जिंदगी, वक्त और धर्मवीर जैसी फिल्में जरूर देखी होगी. इन बेहतरीन फिल्मों में आपने नायक नायिका के अलावा फिल्म के खलनायक को भी जरूर देखा होगा जिनका नाम ‘जीवन’ है.

आपको बता दें कि अभिनेता जीवन ने 60 और 70 के दशक की कई बेहतरीन फिल्मों में खलनायक का शानदार रोल निभाया था. इसके अलावा उन्होंने कई धार्मिक धारावाहिकों में नारद मुनि का किरदार भी बखूबी निभाया था.

बेहद रईस परिवार में पैदा हुए थे जीवन

आपको बता दें कि इस मशहूर किरदार का जन्म 24 अक्टूबर 1915 को जम्मू कश्मीर में हुआ था. उनका असली नाम ओंकार नाथ धर था. ओंकारनाथ एक रईस और लंबे चौड़े परिवार में पैदा हुए थे. कुल 23 भाई बहनों के परिवार में पले बढ़े ओंकार नाथ की माता उसी वक्त चल बसी जब उनका जन्म हुआ. इसके अलावा जब वह 3 साल के थे तब उन्होंने अपने पिता को भी खो दिया.

ओंकार जैसे जैसे बड़े हुए उन पर फोटोग्राफर बनने का भूत सवार हो गया. इसीलिए उन्होंने मुंबई जाकर फोटोग्राफी सीखने का फैसला किया. उस वक्त उन्हें अपने सपनों के लिए सपोर्ट नहीं मिल पा रहा था इसलिए वह ₹26 लेकर अपने घर से भाग गए थे. वह मुंबई आकर फोटोग्राफी सीखना चाहते थे और वापस जम्मू-कश्मीर जाकर वहां एक स्टूडियो खोलना चाहते थे.

इस फिल्म से की शुरुआत

लेकिन जब वह मुंबई आए तो उन्हें अपनी आजीविका चलाने के लिए छोटा-मोटा काम करना पड़ता था और इसी के चलते वह डायरेक्टर मोहन सिन्हा के स्टूडियो में रिफ्लेक्टर पर सिल्वर पेपर चिपकाने का काम करने लगे. यहीं से उनका फिल्मी दुनिया से संपर्क हो गया और बाद में मोहन सिन्हा ने ही उन्हें 1935 की अपनी फिल्म ‘फैशनेबल इंडिया’ में एक छोटा सा रोल दे दिया. जहां उन्हें चंद लाइने बोलनी थी. लेकिन यह चंद लाइने जीवन के अभिनय करियर की शुरुआत बनकर साबित हुई और उसके बाद उन्होंने अभिनय जगत में ऐसा कदम रखा है कि पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा.