64 सालों से सिनेमा की शान ये मराठा मंदिर जहां से’क्स वर्कर और ट्रांस’जेंडर को मिलती है ये खास सुविधा

बॉलीवुड के इतिहास में कई ऐसी फिल्में हुई है जिन्हें लोग आज भी बड़े चाव से देखना पसंद करते हैं. ऐसी फिल्मों की संख्या काफी ज्यादा है जिन्हें जितनी बार देख लिया जाए उतनी ही बार देखने वालों का मन नहीं भरता. ऐसी ही एक फिल्म है दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे यानी DDLJ जो 20 अक्टूबर 1995 को रिलीज हुई थी. लेकिन इसका क्रेज आज भी इतना है कि लोग इसे आज भी सिनेमाघरों में जाकर देखना पसंद करते हैं.

अब आप सोच रहे होंगे कि जब यह टीवी पर उपलब्ध है तो भला क्यों ऐसे सिनेमाघरों पर लोग पैसे देकर देखेंगे ? लेकिन यह बात बिल्कुल सच है. हालांकि हर जगह इसे सिनेमाघरों पर नहीं दिखाया जाता लेकिन मुंबई का एक सिनेमाघर है मराठा मंदिर जहां तकरीबन 26 साल से अधिक हो गए और यह फिल्म अभी भी वहां चाव से देखी जाती है.

कह सकते हैं कि फिल्म दिलवाले दुल्हनिया को लंबे समय से दर्शकों को दिखाने वाला सिनेमाघर मराठा मंदिर है जो इतना पॉपुलर हो चुका है कि वहां की गली का नाम भी इसके नाम पर पड़ चुका है. लेकिन केवल यह फिल्म नहीं बल्कि और भी कई बातें हैं जो इस मराठा मंदिर को और कई खास बनाती है. जिनकी वजह से अक्सर यह चर्चा का विषय बना रहता है.

कमाठीपुरा की से’क्स वर्कर्स के लिए है मनोरंजन का जरिया

जहां एक तरफ हमारे समाज में वे’श्या’वृत्ति से जुड़ी हुई महिलाओं को ब’हिष्कृत कर दिया जाता है और हर कोई उनसे बात करना भी पसंद नहीं करता. वहीं मराठा मंदिर एक ऐसी जगह है जो उन्हें त’वज्जो देता है.

सिनेमाघर के संचालन कर्ता बताते हैं कि ऐसा कई बार होता है जब सिनेमाघर में 100% पास के रेड लाइट एरिया के कमाठीपुरा की से’क्स वर्कर्स आती है. इस विषय में मनोज देसाई ने बात करते हुए बताया कि उनकी जिंदगी बड़ी कठिन होती है. रात में उन्हें सोना नसीब नहीं होता और दिन भी कई बार बे’चैनियों से भरा होता है. ऐसे में वह अच्छा समय व्यतीत करने के लिए मराठा मंदिर आ जाया करती है.

मनोज देसाई का कहना है कि हम उनकी मुसी’बतों को समझते हैं इसीलिए हमने यह निर्णय लिया है कि से’क्स वर्कर्स और ट्रांस’जेंडर को कभी भी लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ेगा. उनके साथ बेहद अच्छा व्यवहार किया जाएगा और यही वजह है कि हजारों की ता’दाद में ट्रांस’जेंडर और से’क्स वर्कर्स यहां आना पसंद करते हैं.