लता मंगेशकर की प्रेम कहानी: जिसके लिए मिली उन्हें इतनी बड़ी सजा, जिंदगी भर रहीं कंवारी

Lata Mangeshkar Love Story: “भारतीय संगीत जगत की आत्मा” लता मंगेशकर की सफलता की चर्चा जितनी की जाए उतनी कम है. आखिरकार उन्होंने भारतीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय सफलता दिलाई है. भारत रत्न, फिल्मफेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट, पदम् विभूषण और दादा साहेब फाल्के जैसे कई अनेक पुरस्कारों से सम्मानित लता मंगेशकर ने आजीवन विवाह नहीं किया.

लता जी ने इस संदर्भ में कहा था कि उन्होंने जीवन भर केवल इसलिए शादी नहीं की क्योंकि उन पर घर की कई विशेष जिम्मेदारियां थी, उनके पिताजी कम अवस्था में गुजर गए थे. लेकिन अगर उनकी पर्सनल लाइफ में झांक कर देखा जाए तो सच्चाई कुछ और ही है.

दरअसल लता मंगेशकर ने भी अपने जीवन में एक शख्स से बेइंतेहा मोहब्बत की थी और इसीलिए उन्हें जिंदगी भर अविवाहित रहना पड़ा. उन्हें डूंगरपुर राजघराने के राजा लक्ष्मण सिंह के बेटे राज सिंह डूंगरपुर से प्रेम था. राज सिंह अपने तीन भाइयों में सबसे छोटे थे और उनकी बहन बीकानेर की रानी थी.

राज सिंह क्रिकेट के बेहद शौकीन थे.यह बात उन दिनों की है जब राज सिंह अपनी लॉ की पढ़ाई करने के लिए मुंबई आए हुए थे. जहां राज सिंह की मुलाकात लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर से हुई, दोनों में दोस्ती हुई और राज सिंह उनके घर जाने लगे.

उस वक्त लता मंगेशकर भी एक जाना माना चेहरा थी, और वही उनकी मुलाकात राज सिंह डूंगरपुर से हुई. जहां पहले दोनों में दोस्ती हुई और फिर बात प्यार में तब्दील हो गई. दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करने लगे लेकिन जब राज सिंह ने शादी का प्रस्ताव अपने घर वालों के सामने रखा तो उन्होंने इंकार कर दिया.

इनकार इसलिए क्योंकि लता मंगेशकर एक राजघराने की लड़की नहीं थी. किसी भी सूरत में राज सिंह का परिवार लता को बहू बनाने के लिए तैयार नहीं था. लेकिन इस पर दोनों की प्रेम कहानी समाप्त नहीं हुई, भले ही दोनों की शादी नहीं हुई लेकिन राज सिंह और लता मंगेशकर हमेशा साथ रहते थे.

दोनों में जीवन पर्यंत एक खुशमिजाज प्रेम पसंद चला और दोनों एक दूसरे के लिए समर्पित थे. बाद में राज सिंह मुंबई ही रहने लगे और बीसीसीआई के अध्यक्ष भी रहे. दोनों बेहद साधारण तरीके से अपना जीवन जीते थे. राज लता को प्यार से मिट्ठू कह कर पुकारते थे, वह हमेशा लता के गानों की रिकॉर्डिंग अपने साथ रखते थे.

आखिरकार 75 वर्ष की अवस्था में 12 सितंबर 2009 को राज सिंह का देहांत हो गया. भले ही दोनों ने शादी नहीं की लेकिन लता आज भी राज सिंह की विधवा के रूप में ही अपना जीवन व्यतीत कर रही है(lata mangeshkar love story). इन दोनों की प्रेम कहानी दिखाती है कि बिना शादी के भी दो लोग एक दूसरे को कितने समर्पित भाव से चाह सकते हैं!