वीर जारा के अनसुने किस्से: पहले Veer-Zaara नहीं था फिल्म का नाम, इस सीन शूट में 3 बार ढही दिवार

फिल्म वीर जारा बॉलीवुड की एक ऐसी फिल्म है जिसे जितनी बार देखा जाए उतनी ही नयी लगती है. साल 2004 में रिलीज हुई यह फिल्म आज भी बड़े चाव से देखी जाती है. फिल्म में शाहरुख खान और प्रीति जिंटा की केमिस्ट्री को इतना ज्यादा पसंद किया कि देखने वाले इसमें अपने आंसू नहीं रोक पाते.

दोनों अभिनेता अभिनेत्री की फिल्म में एक्टिंग जबरदस्त है. साथ ही इसमें लॉयर का किरदार निभाने वाली रानी मुखर्जी की एक्टिंग भी सराहनीय है. आपको बता दें कि उस वक्त तकरीबन 18 करोड़ की लागत से बनी यह फिल्म करीब 98 करोड़ से ज्यादा कमाई कर गई.

लेकिन फिल्म की सफलता इस की कमाई से नहीं बल्कि दर्शकों का इसके प्रति प्यार से मिली. आज भी दर्शक इस फिल्म के गाने सुनते हैं तो उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं. यही कारण है कि इस फिल्म की अहमियत इतनी ज्यादा है इसीलिए आज हम इस फिल्म से जुड़े कुछ ऐसे बदलावों के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं जो संपन्न नहीं हो सके.

शाहरुख काजोल की जोड़ी बनते बनते रह गई

आपको बता दें कि इस फिल्म में नजर आने वाले कई कलाकार फिल्म मेकर्स की पहली पसंद नहीं थे. पहले फिल्म मेकर यश चोपड़ा इस फिल्म में शाहरुख के अपोजिट काजोल को लेना चाहते थे लेकिन काजोल ने अपने बिजी शेड्यूल की वजह से इस फिल्म में काम करने से मना कर दिया.

जिसके बाद यह फिल्म कई अभिनेत्रियों से होते हुए प्रीति जिंटा के पास पहुंचा. प्रीति जिंटा ने पहली दफा ही बिना सोचे समझे इसके लिए खा कर दी आपको बता दें कि फिल्म के लिए उन्होंने उर्दू सीखी और पंजाबी डिक्शन पर भी काम किया.

रानी मुखर्जी की जगह ऐश्वर्या कर रही थी लॉयर का रोल

आपको बता दें कि फिल्म में सामिया सिद्धकी का रोल निभाने वाली रानी मुखर्जी की जगह पहले ऐश्वर्या राय को लिया जाना था. यह एक पाकिस्तानी एक्टिविस्ट लॉयर का किरदार था. उसी दौरान ऐश्वर्या और सलमान का ब्रेकअप हुआ था और कहते हैं कि शाहरुख ने सलमान और ऐश्वर्या के बीच अपनी दोस्ती को चुना और ऐश्वर्या फिल्म से आउट हुई.

आपको बता दें कि इस दरमियान ऐश्वर्या को कुल 5 फिल्मों से बाहर निकाला गया था. इस विषय में शाहरुख खान ने भी कहा है कि मैंने अपने साथ काम करने वाली एक अभिनेत्री को बिना किसी गलती के फिल्म से बाहर निकाला और मुझे इस बात का खेद है.

Veer-Zaara नहीं था फिल्म का नाम

आपको बता दें कि फिल्म के नाम पर भी काफी ज्यादा माथापच्ची हुई थी. पहले इस फिल्म का नाम “शहीद–ए–इश्क” रखा गया. लेकिन फिल्ममेकर यश चोपड़ा इस नाम से नाखुश थे. जिसके बाद इस फिल्म का नाम रखा गया यह कहां आ गए हम ? फिल्म बनकर तैयार हो गई तब तक यही नाम तय किया गया था.

लेकिन फिल्ममेकर को यह नाम भी कुछ खास रास नहीं आया. जिसके बाद इस फिल्म का नाम ‘वीर जारा’ फाइनल किया गया. बाद में जावेद अख्तर ने नाम “यह कहां आ गए हम कहां’ को एक गाने में इस्तेमाल किया और लिखा लहराती हुई राहें खोले हुए हैं बाहें यह हम आ गए हैं कहां ?