मंगलवार 1 मार्च महाशिवरात्रि पूजन विधि और उपाय

सर्वविदित है मंगलवार 1 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व है. आवश्यक रूप से सभी शिवभक्त बेसब्री से इस त्यौहार का इंतजार कर रहे थे और आखिरकार वह घड़ी आ चुकी है. अब कई लोगों का यहां प्रश्न उठता है कि वह मन से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं साथ ही उनकी सम्यक पूजा करना चाहते हैं ताकि भगवान शिव का आशीर्वाद उन पर बने. ऐसी कौन सी पूजा विधि है जिसके द्वारा भगवान शिव का आशीर्वाद लिया जा सकता है?

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने के लिए कोई विशेष समय बाधित नहीं किया गया है. परंतु फिर भी यदि प्रातः काल ही शिव शंकर की पूजा कर ली जाए तो अति उत्तम है. दिन के समय में सभी मंदिरों में अच्छी खासी भीड़ रहेगी इसलिए कोशिश करें कि सुबह जल्दी ही शिव मंदिर हो आए.

शिव शंकर के पूजा के लिए कुछ बेलपत्र, कुछ पुष्प और एक लोटे में जल डालकर उसमें दूध की कुछ बूंदे अवश्य मिला ले. ध्यान रखें कि आपको बहुत सारे दूध की आवश्यकता नहीं है लेकिन फिर भी आप श्रद्धा से चढ़ाएं तो एक अलग बात है.

भगवान शिव शंकर को जब आप जल अर्पित करें तो आप पूर्व या पश्चिम दिशा में ना बैठे. यूं तो शिव शंकर चारों ओर प्रत्येक कण में है परंतु फिर भी दक्षिण दिशा इनमें से सबसे उत्तम मानी गई है. आप जल अर्पित करते समय दक्षिण दिशा में उत्तर की ओर मुख करके बैठे यह दिशा शिव शंकर को जल अर्पित करने के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है.

मंत्र आरती :– महाशिवरात्रि भगवान शिव की पूजा का दिन है और भगवान शिव को ध्यान मुद्रा सबसे प्रिय है. इसलिए आप कुछ समय ध्यान मुद्रा में बैठकर ओम नमः शिवाय मंत्र का उच्चारण अपनी श्रद्धा अनुसार अवश्य करें. यदि आप प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो निश्चित ही कुछ समय तक ध्यान मुद्रा में बैठे. ओम नमः शिवाय मंत्र का उच्चारण किसी भी आरती से ज्यादा प्रभावी है.

यदि आप महाशिवरात्रि के दिन व्रत लेते हैं तो निश्चित कीजिए कि आप उस व्रत में ज्यादा कुछ आहार ना लें. यदि आप अपने व्रत में बार-बार चीजें खाते हैं आपके व्रत का महत्व घट जाता है. लेकिन यदि आप सारा दिन भूखे रहते हैं तो निश्चित ही आपको इस बात का पछतावा नहीं होना चाहिए.

यदि आप वास्तव में भगवान शिव के व्रत लेना चाहते हैं तो श्रद्धा पूर्वक लीजिए अन्यथा श्रद्धा पूर्वक केवल भगवान शिव को याद कर लीजिए. खाना खाकर भगवान शिव की अराधना ज्यादा प्रभावी होगी बजाय की आप व्रत लेकर सारा दिन कुछ न कुछ खाते रहे.