नवरात्रि के पावन पर्व से पूरा देश हर्षोल्लास में है. नवरात्रि के साथ ही भारत में त्योहारों का आगमन हो चुका है जो कि अब लंबे समय तक चलने वाला है. मौसम में भी एक अलग खुमारी आ गई है और सर्दी ने हमारे दरवाजे पर दस्तक देनी शुरू कर दी है. नवरात्रा उत्सव में कई जगहों पर बड़े सुंदर- सुंदर पंडाल सजाए गए हैं. लोगों ने अपनी श्रद्धा से माता के लिए हरसंभव तैयारी की है.
लेकिन पश्चिम बंगाल में नवरात्र को लेकर हमेशा से ही एक अलग उत्साह देखा गया है. पश्चिम बंगाल का दुर्गा पूजन तो विश्व भर में प्रसिद्ध है. जब भी हम पश्चिम बंगाल के बारे में बात करते हैं तो एक बात तो हमारे दिमाग में सीधी ही आ जाती है वह है उनकी देवी पूजन से जुड़ी आस्था.
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विशेषकर कोलकाता में दुर्गा पूजन के पांडाल आकर्षण का केंद्र रहे हैं. सालों साल यहां पर इतने सुंदर- सुंदर पंडाल सजाए जाते हैं कि देखने वाले का मन मोहित हो जाता है. कभी सुगंधित फूलों से तो कभी नई-नई चित्रकारी से ये नए-नए उदाहरण पेश करते रहते हैं.
इस बार तो कोलकाता के पंडालों में सबसे अलग ही झांकी देखी गई है. कोलकाता में मां दुर्गा के लिए इस बार बुर्ज खलीफा से लेकर मीनाक्षी मंदिर तक की झांकी देखी गई है. सुंदर लाइट शो का भी आयोजन किया गया है जिसको देखने के लिए हजारों की तादाद में भीड़ उमड़ पड़ी. कोरोना काल की मुश्किल चुनौती को देखते हुए इसका आयोजन इस बार इतना आसान नहीं था.
लेकिन लोगों के परम श्रद्धा के सामने सब बातें छोटी पड़ जाती है. कोलकाता के नरेंद्रपुर में बनाइए पांडाल बंगाल की पौराणिक शिल्प कला डोकरा की तर्ज पर बनाया गया है. इस शिल्प कला में बंगाल की संस्कृति से प्रेरित अनेक सुंदर-सुंदर झांकियां देखी जा सकती है. कोरोना की भयानक महामारी के बाद तो लोग जैसे त्योहार मनाना तो भूल ही गए थे लेकिन कोलकाता वासियों की इस अद्भुत पहल के बाद लोगों में अच्छा उत्साह देखा.
क्या है खास बात?- हम सभी जानते हैं कि बुर्ज खलीफा विश्व की सबसे ऊंची इमारत है. यह दुबई में स्थित है, जिसकी ऊंचाई लगभग 3000 फीट है. कई लोगों ने तो दुबई जाकर इसके साक्षात दर्शन किए हैं लेकिन कई लोगों के लिए मात्र यह सपना है. इस गगनचुंबी इमारत को देखने की इच्छा है तो हर कोई रखता है इसी तर्ज पर माता के पंडाल को इस रूप में सजाने की योजना बनाई गई.
पांडाल में बनाए गए बुर्ज खलीफा की ऊंचाई लगभग 150 फीट रखी गई. जिसके अंदर मां दुर्गा की प्रतिमा रखी गई लेकिन कोरोना काल की मुश्किल को देखते हुए इसमें भीड़ इकट्ठा ना होने के निर्देश पहले ही दे दिए गए थे. आम जनता को बाहर से ही पांडाल के दर्शन करने की अनुमति थी.
इस शानदार पंडाल में कई विशेष रंगों का भी उपयोग किया गया है. इसमें 6000 सीटों का उपयोग किया गया है. जिसमें 300 से ज्यादा एक्रेलिक मिरर का भी उपयोग किया है. इसमें विशेष प्रकार की लाइट भी प्रयोग में लायी गयी है. बुर्ज खलीफा को पांडाल में सजाने के लिए लगभग 100 दिन का समय लगा है. जिसमें कई मजदूरों ने 3 महीने से भी ज्यादा मेहनत की है.