केदारनाथ की चमत्कारी सच्ची घटना: बंद दरवाजे से निकला रह’स्यमई साधु

भारत में आज अनेकों चमत्कारी मंदिर स्थित है. उन्हीं में से एक अत्यधिक प्रसिद्ध मंदिर उत्तराखंड का केदारनाथ मंदिर है. बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने भगवान शिव की आराधना के दौरान करवाया था.

क्या है केदारनाथ की चमत्कारी घटना?– यह घटना लगभग 100 साल पहले की है. एक शिव भक्त जो अपनी गरीब आर्थिक स्थिति से जूझ रहा था पैदल-पैदल केदारनाथ बाबा के दर्शन करने पहुंचा. वास्तव में वह शिव का बहुत बड़ा भक्त था, इसीलिए उसने लगातार दो महीने चलकर केदारनाथ की यात्रा की.

जब तक भक्त केदारनाथ के द्वार पहुंचा तब तक उसने देखा कि मंदिर के पुजारी मंदिर के कपाट बंद कर रहे हैं. भक्त भागा और उसने हट किया कि वह केदारनाथ बाबा के दर्शन करना चाहता है लेकिन मंदिर के पुजारियों ने उसे बताया कि मौसम परिवर्तन के कारण मंदिर के कपाट 6 महीने के लिए बंद कर दिए गए हैं और अभी वापस नहीं खुलेंगे. जब किसी तरह से बात नहीं बनी तो बेचारा भक्त वहीं बैठ गया और उसने प्रण लिया कि जब तक वह दर्शन नहीं करेगा वह वापस नहीं लौटेगा.

यह तो अपनी बात पर अड़ा रहा और शाम ढलते ढलते मंदिर के आसपास सन्नाटा छा गया. बर्फ बारी शुरू हुई और मंदिर के कपाट भी बंद थे. वह सर्दी से और भूख से कांप रहा था, और तभी वहां भस्म धारी एक साधु पहुंचा. वह भक्त के पास पहुंचा और उसने उसे भोजन भी करवाया.

भक्त ने उसे अपनी सारी दुविधा बता दी जिसके बाद साधु ने कहा कि इसमें कोई चिंता की आवश्यकता नहीं है तुम यही लेट जाओ तब तक मंदिर के द्वार खुल जाएंगे.

जब वह भक्त वापस उठा तो उसने पाया कि चारों और कुछ गर्मी प्रतीत हो रही है और कुछ साधु भी मंदिर का कपाट खोल रहे हैं. भक्त ने पुजारियों से कहा कि आपने कहा था यह 6 महीने में खुलेगा तो आप आज ही इस मंदिर का दरवाजा क्यों खोल रहे हैं?

तो पुजारियों ने कहा तुम कैसे मूर्ख बात कर रहे हो आज तो अप्रैल महीने के अक्षय तृतीया का दिन है! जिसके पश्चात तो भक्तों ने अपनी बीती रात की सारी घटनाक्रम उनके सामने पेश की, उस भक्त का कहना था कि मैं कल रात ही सोया हूं और आज वापस जब मैं उठा तो अक्षय तृतीया का दिन आ चुका है.

पहले तो पुजारियों ने उसकी बात पर यकीन नहीं किया लेकिन फिर उन्होंने इस बात पर सोचा कि यदि यह वक्त झूठ बोल रहा है तो 6 महीने की इतनी भारी बर्फबारी में बिना भोजन पानी यह कैसे जिया? आखिरकार इस पूरे घटना क्रम ने रहस्यमय तरीके से सबको चौंका दिया था, पुजारियों का यही कहना था कि यह बाबा केदार की कृपा है तभी ऐसा चमत्कार संभव है.