मकर संक्रांति स्नान, पूजा और दान का शुभ मुहूर्त, कुंडली दोष के लिए महा उपाय

तिल के लड्डू और रंग-बिरंगी पतंगों का अनूठा त्योहार मकर संक्रांति एक बार फिर आ चुका है. इस दिन हर घर में तिल के लड्डू और और बढ़िया बढ़िया पकवान बनेंगे, इसी वजह से मकर संक्रांति का त्यौहार बच्चों को ज्यादा प्रिय है. लेकिन मित्रों मकर संक्रांति का महत्व पतंगों और तिल के लड्डुओं से बढ़कर कहीं ज्यादा है. क्योंकि मकर संक्रांति का सीधा नाता भगवान सूर्यनारायण और मां पृथ्वी की गति से संबंधित है.

मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्यनारायण दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करते हैं. भगवान सूर्यनारायण इस दिन पौष मास से धनु राशि से होकर मकर राशि में गोचर करते हैं. जब तक भगवान सूर्यनारायण धनु राशि में होते हैं तब तक मांगलिक कार्यक्रम नहीं किए जा सकते हैं, लेकिन मकर संक्रांति के पश्चात मांगलिक कार्यक्रम पुनः किए जा सकते हैं.

मकर संक्रांति के पश्चात ही शादी विवाह और पूजा अनुष्ठान के शुभ मुहूर्त वापस शुरू होते हैं. मकर संक्रांति के पश्चात ही विशेष व्रत और उद्यापन जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं. मुख्य रूप से पृथ्वी और सूर्य की गति से संबंधित यह मकर संक्रांति एक बेहद मांगलिक बेला है.

मकर संक्रांति पर पाएं शनि दोषों से मुक्ति

शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य और शनि एक होते हैं, मकर संक्रांति के दिन ही भगवान सूर्य शनि से मिलने जाते हैं क्योंकि मकर और कुंभ राशि पर शनि का आधिपत्य होता है. इसीलिए कहा जाता है कि मकर संक्रांति को यदि विशेष उपाय किए जाएं तो शनि दोषों से मुक्ति मिल सकती है.

यदि मकर संक्रांति के दिन काले तिल तांबे के पात्र में डाल कर दान किए जाएं तो शनि दोषों से मुक्ति मिलती है. यह उपाय करने से शनि की साढ़ेसाती भी समाप्त हो सकती है, अन्यथा इससे राहत मिलने की संभावना आवश्यक है.

मकर संक्रांति पर भगवान सूर्य की पूजा

मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है. इसके लिए प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठकर लाल वस्त्र धारण करके, पुष्प सहित भगवान सूर्य को अर्घ अवश्य चढ़ाना चाहिए. यदि आप साल भर ऐसा नहीं करते हैं तो कम से कम मकर संक्रांति के दिन आपको ऐसा अवश्य करना चाहिए.

इसके पश्चात आपको कुछ समय तक “ओम सूर्याय नमः” मंत्र का उच्चारण करना है. इसके पश्चात आपको भगवान सूर्य की उपासना करते हुए उनकी पूजा में एक घी का दिया अवश्य जलाना है. जिन लोगों का सूर्य कमजोर है वह मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य की विशेष पूजा करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

मकर संक्रांति पर दान का महत्व

मित्रों मकर संक्रांति के दिन दान का विशेष महत्व बताया गया है. लेकिन ध्यान रखें कि आप दान की सभी वस्तुएं केवल जरूरतमंदों को ही दे. इस दिन मुख्य रूप से अनाज का दान देने का महत्व बताया गया है, इसीलिए आप दान स्वरूप अनाज और जरूरतमंदों को गर्म कपड़े दे सकते हैं.

मकर संक्रांति 2022 पर दान देने का शुभ मुहूर्त

शुक्रवार 14 जनवरी को यूं तो पूरे दिन ही दान दिया जा सकता है लेकिन कोशिश करें कि आप दान 2:12 से लगाकर 5:45 के बीच ही दे. इसके अलावा यदि किसी की कुंडली में दोष है तो आप महा मुहूर्त में ही दान दें. महा मुहूर्त का समय 2:12 से 2:36 तक का है, यानी कुल 24 मिनट की अवधि में आपको अपने सभी कार्य करने हैं.