यदि आप भी शारदीय नवरात्रि में माता की पूजा आराधना करते हैं तथा अखंड ज्योत जलाते हैं ,जवारे होते हैं तथा माता की चौकी की स्थापना भी करते हैं तो आपको माता की चौकी का सही स्थान मालूम होना चाहिए, क्योंकि पूर्ण फलों की प्राप्ति के लिए सही दिशा का होना अत्यंत आवश्यक है.
1. तस्वीर :- यदि बात की जाए माता की तस्वीर लगाने की तो आप माता की तस्वीर की स्थापना तो आप माता की तस्वीर की स्थापना अपने घर की पूरब की दीवार अथवा दक्षिण की दीवार की मे ही करें. ताकि भक्तों का मुख दक्षिण अथवा पूर्व दिशा की ओर हो, इसके अलावा माता रानी को मिटाने के लिए लकड़ी का पाटा अथवा किसी धातु का पाटा प्रयोग में लाएं.
कभी भी किसी प्लास्टिक का अथवा अन्य किसी वस्तु का बना हुआ पाटा प्रयोग में ना लाएं, ऐसा करने से माता आप पर क्रोधित हो सकती हैं. यदि माता को मिटाने के लिए कपड़े की आवश्यकता की बात करें तो कोशिश यह करें कि लाल रंग का आसन कपड़ा ही प्रयोग में लावे. जिस ओर माता की तस्वीर रखी जाए उसके दाहिने और दीया जलाएं.
2. यदि आप अखंड ज्योत जलाना चाहते हैं तो उसी दिशा में अर्थात तस्वीर के दाहिने और ही अखंड ज्योत भी जलाएं. पूजा प्रारंभ करने से पहले आसन के कपड़े पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं, तथा सबसे पहले श्री गणेश जी की पूजा करें.
3. कलश स्थापना :- यदि कल कलश स्थापना की बात की जाए तो कलश हमेशा माता की चौकी के ईशान कोण अर्थात उसकी उत्तर पूर्व दिशा मे ही स्थापित करें, तथा इसी के साथ जवारे बोयें. माता की चौकी में नवग्रहों तथा षोडश मात्रिकाओं की बहुत ज्यादा महत्वता है. इसीलिए माता की चौकी से नवग्रह उसकी बाएं ओर तथा षोडश मात्रिकाएं दाएं ओर स्थापित करें.गणपति जी की मूर्ति भी माता की चौकी के दाहिने ओर ही रखें.
4. अन्य सजावट :- अन्य जितनी भी सजावट आपको करनी है वह आपकी श्रद्धा पर निर्भर करती है, लेकिन माता की चौकी के पास में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें. आपको जितने भी प्रकार से उसको सजाना है आप सजा सकते हैं. अब विभिन्न प्रकार के फूलों का, फलों का तथा कई सुगंधित रसों का प्रयोग कर सकते हैं.
आप विभिन्न प्रकार के मिष्ठान भी बना सकते हैं तथा अपनी इच्छा अनुसार माता के आभूषण एवं कपड़े भी सजा सकते हैं. लेकिन लाल रंग माता का सबसे प्रिय रंग है तथा इससे माता रानी बहुत जल्दी प्रसन्न होती है इसलिए यदि आप लाल रंग का अधिक इस्तेमाल करेंगे तो बहुत अच्छा, इससे आपके एवं आपके पूरे परिवार को माता रानी की असीम कृपा दृष्टि प्राप्त होगी.